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5 May 2024 · 1 min read

तू ने आवाज दी मुझको आना पड़ा

तू ने आवाज दी मुझको आना पड़ा
तेरी खातिर ये रिश्ता निभाना पड़ा
मुझको तेरी खुशी से बड़ा कुछ नही
मुझको बीते पलों को भुलाना पड़ा
कृष्णकांत गुर्जर

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