Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 2 min read

डीजे।

भारत में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो डीजे नामक असुर के प्रकोप से बचा हो। हर शुभ कार्य में इस राक्षस की सम्माननीय उपस्थिति अनिवार्य है। हर शोभा यात्रा, हर जुलूस का साज सिंगार , चमक उसकी धमक के बिना फीकी लगती है। जैसे कि बाग के सारे फूलों के रंग बुझ गए हों , इसके आने के पश्चात ही उनकी चमक और सुगंध का अहसास होता है।

यह दैत्य जब सड़कों से गुजरता है तब घर की दीवारें , खिड़कियां , उनमें लगे कांच आदि सब थरथराने लगते हैं। ह्रदय की धड़कन बढ़ जाती है। कानों को दबा कर रखना पड़ता है। यह जानते हुए भी कि वह घर में नहीं घुस सकता तब तक मन भयभीत रहता है जबतक उसकी आवाज धीमी नहीं हो जाती।

मुझे उन अधेड़ , उन नवयुवकों पर बिल्कुल तरस नहीं आता जो उसके पीछे शान से चलते हैं , इधर उधर गर्व से देखते हैं , सामने नाचते उछलते कूदते हैं। वे बुढ़ापे में हियरिंग एड बनाने वाली कंपनियों की बिक्री बढ़ाने में अच्छा खासा योगदान करने वाले हैं इस प्रकार वे भारतीय अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देंगे।

मुझे चिंता उन बारह , चौदह वर्ष के बच्चों तथा विशेष कर मैरिज हाल में तीन , चार साल के बच्चों के लिए होती है जो डीजे के सामने खुशियां मनाते हैं। इन बच्चों के बाकी अंगों पर जो दुष्प्रभाव पड़ता होगा उसकी बात छोड़िए पर उनके सुनने की क्षमता कितनी प्रभावित होती है इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल नहीं है।

कवि लोग रूपक के रूप में बहरी दुनियां की बाते करते हैं। हम लोग सचमुच में एक बहरी दुनियां का निर्माण जानबूझकर कर रहे हैं।

एक समय ऐसा आएगा जब ज्यादातर लोग आपको इशारों में ही बात करते दिखाई पड़ेंगे।

तब तक डीजे का कान फाड़ू , दिवाल तोड़ू संगीत के सागर में गोते लगाते रहिए।
Kumar Kalhans

Language: Hindi
Tag: लेख
218 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kumar Kalhans
View all

You may also like these posts

बदल चुका क्या समय का लय?
बदल चुका क्या समय का लय?
Buddha Prakash
चाय में इलायची सा है आपकी
चाय में इलायची सा है आपकी
शेखर सिंह
*मिलता है परमात्म जब, छाता अति आह्लाद (कुंडलिया)*
*मिलता है परमात्म जब, छाता अति आह्लाद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सेवानिवृत्ति
सेवानिवृत्ति
Khajan Singh Nain
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जी हमारा नाम है
जी हमारा नाम है "भ्रष्ट आचार"
Atul "Krishn"
नफ़रत
नफ़रत
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
प्रयागराज में तैयारी के दौरान की गई पनीर पार्टी कभी भुलाई नह
प्रयागराज में तैयारी के दौरान की गई पनीर पार्टी कभी भुलाई नह
Rituraj shivem verma
कृषक समाज
कृषक समाज
Rambali Mishra
वीर बालिका
वीर बालिका
लक्ष्मी सिंह
4123.💐 *पूर्णिका* 💐
4123.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हरजाई
हरजाई
ओनिका सेतिया 'अनु '
"साहित्यकार की उम्र"
Dr. Kishan tandon kranti
हक जता तो दू
हक जता तो दू
Swami Ganganiya
देख ! सियासत हारती, हारे वैद्य हकीम
देख ! सियासत हारती, हारे वैद्य हकीम
RAMESH SHARMA
रेत और रेगिस्तान के अर्थ होते हैं।
रेत और रेगिस्तान के अर्थ होते हैं।
Neeraj Kumar Agarwal
जो हम सोचेंगे वही हम होंगे, हमें अपने विचार भावना को देखना ह
जो हम सोचेंगे वही हम होंगे, हमें अपने विचार भावना को देखना ह
Ravikesh Jha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है
बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
🙅आज का दोहा🙅
🙅आज का दोहा🙅
*प्रणय प्रभात*
अमीरों का देश
अमीरों का देश
Ram Babu Mandal
रुपयों लदा पेड़ जो होता ,
रुपयों लदा पेड़ जो होता ,
Vedha Singh
रम्मी खेलकर लोग रातों रात करोड़ पति बन रहे हैं अगर आपने भी स
रम्मी खेलकर लोग रातों रात करोड़ पति बन रहे हैं अगर आपने भी स
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
एक व्यंग्य 😀औरों का लिक्खा पढ़ो,मिली हमें ये सीख
एक व्यंग्य 😀औरों का लिक्खा पढ़ो,मिली हमें ये सीख
Dr Archana Gupta
"सभी यहां गलतफहमी में जी रहे हैं ll
पूर्वार्थ
बाक़ी है..!
बाक़ी है..!
Srishty Bansal
दीप
दीप
विशाल शुक्ल
किस्सा / मुसाफ़िर बैठा
किस्सा / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
बड़ा हीं खूबसूरत ज़िंदगी का फलसफ़ा रखिए
बड़ा हीं खूबसूरत ज़िंदगी का फलसफ़ा रखिए
Shweta Soni
शतरंज
शतरंज
भवेश
Loading...