Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

साल के आख़िरी किनारे पर

नव वर्ष की वेला पर विगत वर्ष हो गया हू,
सोचत हूं कब नया था कब पुराना हो गया हू।
वक़्त की तासीर यही खुद ही पुराना हो गया,
नया दिखने की चाह मे सर्वसर ही खो गया ।।

कौन नया कौन पुराना वक्त ही बतलाता है,
अपना वही हुआ जो वक्त पे काम आता है।
रिस्ते नाते बनाना सब वक्त वक्त की बात है,
सच्चा इंसान वही है जो दुख सुख में साथ है।।

कितने मौसम सहे है चला चाहे अंगारों पर,
पर मैं रुका नहीं चाहे चला नंगी तलवारों पर।
मेरी जिंदगी में कौन की है ये किसने झंकार,
नव वर्ष की नव बेला पल खुशी का आगाज हो ।

हर किसी के मुख से प्यार के हीअल्फाज हो,
शुभ घड़ी आ गई है सब शुभ-शुभ करो कर्म।
तालमेल ऐसा बनाओ बन जाए बस यही धर्म,
प्यार खाओ प्यार पियो प्यार का समझो मर्म।।

Language: Hindi
2 Likes · 142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from SATPAL CHAUHAN
View all

You may also like these posts

प्रेरक विचार
प्रेरक विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गहने कल रात चुराए (बाल कविता)
गहने कल रात चुराए (बाल कविता)
Ravi Prakash
दोहा त्रयी. . . चाँद
दोहा त्रयी. . . चाँद
Sushil Sarna
दोस्त तुम अलग हुए
दोस्त तुम अलग हुए
Shweta Soni
"शब्दों की सार्थकता"
Dr. Kishan tandon kranti
"पुरखों के जमाने के हो बाबा"
राकेश चौरसिया
वादा
वादा
Rekha khichi
तुम ऐसे उम्मीद किसी से, कभी नहीं किया करो
तुम ऐसे उम्मीद किसी से, कभी नहीं किया करो
gurudeenverma198
ज़ेहन से
ज़ेहन से
हिमांशु Kulshrestha
मुझे उसको भूल जाना पड़ेगा
मुझे उसको भूल जाना पड़ेगा
Jyoti Roshni
यह कौन सी तहजीब है, है कौन सी अदा
यह कौन सी तहजीब है, है कौन सी अदा
VINOD CHAUHAN
प्रीति रीति देख कर
प्रीति रीति देख कर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*मैं शायर बदनाम*
*मैं शायर बदनाम*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पूर्वानुमान गलत हो सकता है पर पूर्व अनुभव नहीं।
पूर्वानुमान गलत हो सकता है पर पूर्व अनुभव नहीं।
Rj Anand Prajapati
तितली
तितली
Mansi Kadam
बूंद बूंद से सागर बने
बूंद बूंद से सागर बने
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
Johnny Ahmed 'क़ैस'
*
*"नमामि देवी नर्मदे"*
Shashi kala vyas
अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त।
अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त।
Sanjay ' शून्य'
माटी की महक
माटी की महक
Surinder blackpen
आत्म दीप की थाह
आत्म दीप की थाह
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
हम सब कहीं न कहीं से गुज़र रहे हैं—कभी किसी रेलवे स्टेशन से,
हम सब कहीं न कहीं से गुज़र रहे हैं—कभी किसी रेलवे स्टेशन से,
पूर्वार्थ देव
#आज_की_बात-
#आज_की_बात-
*प्रणय प्रभात*
सत्य की जय
सत्य की जय
surenderpal vaidya
चाहकर भी जता नहीं सकता,
चाहकर भी जता नहीं सकता,
डी. के. निवातिया
Never before did I hide my emotion,
Never before did I hide my emotion,
Chaahat
ना लिखते तो मिट जाते।
ना लिखते तो मिट जाते।
Saraswati Bajpai
समुद्र का नजारा सुंदर हैं।
समुद्र का नजारा सुंदर हैं।
Neeraj Kumar Agarwal
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
इश्क़ में वक्त को बुरा कह देना बिल्कुल ठीक नहीं,
इश्क़ में वक्त को बुरा कह देना बिल्कुल ठीक नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...