Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

शून्य का अन्त हीन सफ़र

जीवन के अंतहीन सफर में
जब शून्यता का बोध
हृदय को उद्वेलित करने लगे
तब मस्तिष्क के भृकुटि के
मध्य में ध्यान कर
सुषुम्ना नाड़ी से विचरते हुए
कुंडलिनी को जागृत कर
उसे अखंड विस्तृत फैले ब्रह्मांड में
शून्य से बिन्दु के
प्रकाश की ओर ले जाने का
सतत प्रयास —-
स्व: से स्वयं को मिलाने
आत्मा से परमात्मा का मनन–
अंधकार से प्रकाश की ओर–
स्थूल से सूक्ष्म की ओर+-
खंड से अखंड–
ब्रह्म से ब्रह्मांड का परिचय–
स्थिर से गतिमान–
जड़ और चेतन —
शून्य से उस अंतहीन–
शिखर के सामीप्य –
पुनः शून्य के समिष्ट
से व्यक्ति की चेतना का बोध ही
शून्य से उच्चता की ओर
ले जाने का प्रयास ही
मानव जीवन के
इस अंतहीन सफर का शून्य !!

Language: Hindi
1 Like · 165 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*भोजन की स्वच्छ रसोई हो, भोजन शुचि हाथों से आए (राधेश्यामी छ
*भोजन की स्वच्छ रसोई हो, भोजन शुचि हाथों से आए (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
#विशेष_दोहा-
#विशेष_दोहा-
*प्रणय प्रभात*
सेहत अच्छी हो सदा , खाओ केला मिल्क ।
सेहत अच्छी हो सदा , खाओ केला मिल्क ।
Neelofar Khan
शब-ए-सुखन भी ज़रूरी है,
शब-ए-सुखन भी ज़रूरी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"बचपन जिन्दाबाद"
Dr. Kishan tandon kranti
गजानन तुमको करूॅं नमन
गजानन तुमको करूॅं नमन
श्रीकृष्ण शुक्ल
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
* मेरी प्यारी माँ*
* मेरी प्यारी माँ*
Vaishaligoel
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
फ्रेम  .....
फ्रेम .....
sushil sarna
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक चुप्पी
एक चुप्पी
Lalni Bhardwaj
इन दरकती रेत की दीवारों से,
इन दरकती रेत की दीवारों से,
श्याम सांवरा
*मन अयोध्या हो गया*
*मन अयोध्या हो गया*
ABHA PANDEY
जीवन निर्झरणी
जीवन निर्झरणी
Jai Prakash Srivastav
मिट्टी
मिट्टी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ऊपर बने रिश्ते
ऊपर बने रिश्ते
विजय कुमार अग्रवाल
युद्ध
युद्ध
विशाल शुक्ल
कहाँ हो?
कहाँ हो?
Rambali Mishra
एक अलग ही खुशी थी
एक अलग ही खुशी थी
Ankita Patel
जिंदगी जियो
जिंदगी जियो
Deepali Kalra
हाइकु - डी के निवातिया
हाइकु - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
देखभाल
देखभाल
Heera S
अपने दिल से
अपने दिल से
Dr fauzia Naseem shad
बदलते ज़माने में अपनी फितरत को इतना भी मत बदल,
बदलते ज़माने में अपनी फितरत को इतना भी मत बदल,
manjula chauhan
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जीवन का नया पन्ना
जीवन का नया पन्ना
Saraswati Bajpai
सौंदर्य
सौंदर्य
OM PRAKASH MEENA
गुलों को प्यार के रंगों में ढाल भेजा है
गुलों को प्यार के रंगों में ढाल भेजा है
Neeraj Naveed
प्रेम, अनंत है
प्रेम, अनंत है
हिमांशु Kulshrestha
Loading...