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4 May 2024 · 1 min read

रंग विरंगी नाँव

बारिश का आनंद लेकर
चाट पकोड़ी घर बनवाते

छुट्टी के दिन ऊधम मचाते
नानी दादी को ख़ूब सताते

रंग बिरंगे कागज़ की
सुंदर -२ नाँव बनाते

जल के तेज बहाव में
नाँव की रेस लगवाते

तट छोड़ मझधार चली
हम बच्चों को ख़ूब सताती

कभी उठती कभी डूबती
अपनी गति से बढ़ती जाती

हर शहर हर गाँव को जाती
सभी बच्चों को ख़ूब लुभाती

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