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3 May 2024 · 1 min read

3385⚘ *पूर्णिका* ⚘

3385⚘ पूर्णिका
🌹 हम न निराश होते हैं 🌹
22 212 22
हम न निराश होते हैं ।
सच न हताश होते हैं ।।
कुदरत खूबसूरत यूं ।
चमन न काश होते हैं ।।
मौसम बदलते देखो।
कुछ न खराश होते हैं ।।
होती जिंदगी क्या क्या।
खेल न ताश होते हैं।।
खेदू प्यार दे न सके।
जिंदा लाश होते हैं ।।
……✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
03-05-2024शुक्रवार

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