Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

तन्हाई में अपनी

तन्हाई में अपनी
जो तुम्हें
दर्द का एहसास हो
आवाज़ लगा लेना मुझे
रहे ख्याल
हाथ तुमने छोड़ा था
हम आज भी है
तेरे इंतजार में

हिमांशु Kulshrestha

334 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कविता का शीर्षक: मैं अभी जीना चाहता हूं कविताः जब निराशा से,
कविता का शीर्षक: मैं अभी जीना चाहता हूं कविताः जब निराशा से,
पूर्वार्थ
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
आपकी पहचान ब्रांडेड कपड़े और जूतों को पहनने से नही होती जब आ
आपकी पहचान ब्रांडेड कपड़े और जूतों को पहनने से नही होती जब आ
Rj Anand Prajapati
हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात।
हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात।
Suryakant Dwivedi
आधे अधूरे ख्वाब
आधे अधूरे ख्वाब
ललकार भारद्वाज
परवरिश
परवरिश
dr rajmati Surana
हर रात मेरे साथ ये सिलसिला हो जाता है
हर रात मेरे साथ ये सिलसिला हो जाता है
Madhuyanka Raj
बंद आँखें भी मोतियों को बड़े नाजों से पाला करते थे,
बंद आँखें भी मोतियों को बड़े नाजों से पाला करते थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चलो कुछ नया करते हैं
चलो कुछ नया करते हैं
AMRESH KUMAR VERMA
सहनशीलता
सहनशीलता
Sudhir srivastava
जिस धरती ने वीर जने हैं, उसका ये है नूर,
जिस धरती ने वीर जने हैं, उसका ये है नूर,
Dheerendra Panchal
नाम
नाम
vk.veena1576
लेखनी
लेखनी
विशाल शुक्ल
"आगे बढ़ने की राह" (The Path of Moving Forward):
Dhananjay Kumar
मिलकर सृजन के गीत गाएं...
मिलकर सृजन के गीत गाएं...
TAMANNA BILASPURI
*उठाओ प्लेट खुद खाओ , खिलाने कौन आएगा (हास्य मुक्तक)*
*उठाओ प्लेट खुद खाओ , खिलाने कौन आएगा (हास्य मुक्तक)*
Ravi Prakash
धर्म और कर्मकांड
धर्म और कर्मकांड
Mahender Singh
एक एक ईट जोड़कर मजदूर घर बनाता है
एक एक ईट जोड़कर मजदूर घर बनाता है
प्रेमदास वसु सुरेखा
अब युद्ध अनिवार्य है!
अब युद्ध अनिवार्य है!
Mahesh Ojha
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हिंदोस्तान का इसे सिरमौर करेंगे
हिंदोस्तान का इसे सिरमौर करेंगे
Shweta Soni
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
खण्डहर
खण्डहर
OM PRAKASH MEENA
"सम्मान व संस्कार व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी अस्तित्व में र
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
चौपाई छंद
चौपाई छंद
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
...
...
*प्रणय प्रभात*
3904.💐 *पूर्णिका* 💐
3904.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हम सभी
हम सभी
Neeraj Kumar Agarwal
बेटीयाँ
बेटीयाँ
krupa Kadam
Loading...