Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

संवेदना मंत्र

यह शरीर संवेदन शीला।
भाव ग्रहण से नीला पीला।।
कटु वाणी से उपजे क्रोधा।
प्रेम स्नेह ज्यों मनहि प्रबोधा ।।

त्वचा स्पर्श जरा कहीं होई।
ज्ञान तन्त्र जाने सब कोई ।।
इक दूजे का कष्ट समझते ।
जीव संवेद शून्य न रहते ।।

अपनों की करते सब चिनता।
संवेदी तो सबकी गिनता ।।
पास पडोसी सकल समाजू।
कर सहयोग छोड़ सब काजू ।।

जो दूजे के आता कामा।
सज्जन पुरुष उसी का नामा।।
यह संवेदन मंत्र कहानी ।
सीमा रहित कहें सब ज्ञानी ।।

राजेश कौरव सुमित्र

194 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajesh Kumar Kaurav
View all

You may also like these posts

कृष्ण
कृष्ण
Chaahat
एक अधूरी सी दास्तान मिलेगी, जिसकी अनकही में तुम खो जाओगे।
एक अधूरी सी दास्तान मिलेगी, जिसकी अनकही में तुम खो जाओगे।
Manisha Manjari
Top nhà cái uy tín luôn đảm bảo an toàn, bảo mật thông tin n
Top nhà cái uy tín luôn đảm bảo an toàn, bảo mật thông tin n
Topnhacai
13. Rain Reigns
13. Rain Reigns
Ahtesham Ahmad
"राह अनेक, पै मँजिल एक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
परछाई...
परछाई...
Mansi Kadam
" यही तो वक्त है "
Dr. Kishan tandon kranti
3242.*पूर्णिका*
3242.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रणबंका राठौड़
रणबंका राठौड़
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मै समय हूँ
मै समय हूँ
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मैल दिल में कोई नहीं रखना
मैल दिल में कोई नहीं रखना
Dr fauzia Naseem shad
मन को भिगो दे
मन को भिगो दे
हिमांशु Kulshrestha
नैनों के अभिसार ने,
नैनों के अभिसार ने,
sushil sarna
जीवन
जीवन
विवेक दुबे "निश्चल"
पत्नी का ताना । हास्य कविता। रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
पत्नी का ताना । हास्य कविता। रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
दो कुर्सियाँ
दो कुर्सियाँ
Dr. Bharati Varma Bourai
न कोई जगत से कलाकार जाता
न कोई जगत से कलाकार जाता
आकाश महेशपुरी
*सच कहने में सौ-सौ घाटे, नहीं हाथ कुछ आता है (हिंदी गजल)*
*सच कहने में सौ-सौ घाटे, नहीं हाथ कुछ आता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
चलाचली
चलाचली
Deepesh Dwivedi
रपटा घाट मंडला
रपटा घाट मंडला
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मृतशेष
मृतशेष
AJAY AMITABH SUMAN
Sumclub là cổng game bài đổi thưởng tin cậy, hợp pháp tại Vi
Sumclub là cổng game bài đổi thưởng tin cậy, hợp pháp tại Vi
Sumclub - Đẳng cấp game bài đổi thưởng
हम भी हैं मजदूर
हम भी हैं मजदूर
ARVIND KUMAR GIRI
...
...
*प्रणय प्रभात*
- जिंदगी हर बार मौका नही देती -
- जिंदगी हर बार मौका नही देती -
bharat gehlot
दुर्गावती घर की
दुर्गावती घर की
पं अंजू पांडेय अश्रु
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
अश्विनी (विप्र)
"उत्तर से दक्षिण"
©️ दामिनी नारायण सिंह
जाति
जाति
Adha Deshwal
संसार की इस भूलभुलैया में, जीवन एक यात्रा है,
संसार की इस भूलभुलैया में, जीवन एक यात्रा है,
पूर्वार्थ
Loading...