Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

पल

कभी इंतजार के
एक एक पल
बड़े भारी लगते थे
काटते नही कटते थे
आज जब तुम्हारा
साथ छूट चला है
वही जीने का
एकमात्र सहारा बना है।

यूं नदी के किनारे
रेत पर साथ बैठे
लहरों की अटखेलियां
घंटों निहारते
हम थकते नही थे
आज वही लहरे
उदास हमे बुलाती है
तुम्हारा हाल
हमसे पूछती है
मेरे पास चलकर आती है
तुम्हे मेरे पास न
पाकर बेचैन सी
वापस लौट जाती है।

कदम्ब के वृक्ष
जिसके नीचे हम
तुम्हारे गोद मे सर
रख कर लेटते थे
तुम्हारे गीत सुनते थे
उन वृक्षो पर विहंग
के समूह के कलरव
हमारा समर्थन कर
हमारे मौन प्यार के
वाचाल गवाह
बने थे
अफसोस अब वे भी
वहाँ नही रह रहे थे।

अब तो उन हवाओं
ने भी अपना
रुख मोड़ लिया था
जो कभी तेरी गोद मे
लेटे,उनींदी, जम्हाई
लेते मेरे मुख मंडल को
तुम्हारे आँचल से
ढक देते थे
मेरी अबाध नींद में
तुम्हारे सहायक होते थे।

वे जो कभी
तरंगित होते थे
तेरी रांगो से
मुझे मदहोश कर
तुम्हारे रस का पान
करते थे
उन्होंने भी अपना
रास्ता बदल लिया है।

आज मुझे पता चला
तुम सिर्फ मेरी ही नही
कितनो का जीने
का सहारा थी
भटक रहे थे जो
इन मौजों पर
उनके लिए किनारा थी
प्यासे मरुभूमि में
भटकते हुओं के लिए
एक मीठे जल का
स्रोत थी
बेशक निर्मेष तुम्हीं से मेरी
जिंदगी ओत प्रोत थी।

निर्मेष

2 Likes · 218 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
View all

You may also like these posts

शुभांगी।
शुभांगी।
Acharya Rama Nand Mandal
"दया, करुणा व संवेदना" देवगुण होने के बाद भी मानव-मात्र के ल
*प्रणय प्रभात*
मानव पहले जान ले,तू जीवन  का सार
मानव पहले जान ले,तू जीवन का सार
Dr Archana Gupta
* चाहतों में *
* चाहतों में *
surenderpal vaidya
ख़ामोश लफ़्ज़ों का शोर
ख़ामोश लफ़्ज़ों का शोर
Lokesh Dangi
3388⚘ *पूर्णिका* ⚘
3388⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
মা মনসার গান
মা মনসার গান
Arghyadeep Chakraborty
गर जानना चाहते हो
गर जानना चाहते हो
SATPAL CHAUHAN
मस्तमौला फ़क़ीर
मस्तमौला फ़क़ीर
Shekhar Chandra Mitra
भावहीन
भावहीन
Shweta Soni
प्रेयसी की आंखों का झील की तरह
प्रेयसी की आंखों का झील की तरह
Acharya Shilak Ram
निमन्त्रण पत्र
निमन्त्रण पत्र
NAVNEET SINGH
National Energy Conservation Day
National Energy Conservation Day
Tushar Jagawat
"दामन"
Dr. Kishan tandon kranti
विशेषण गीत
विशेषण गीत
Jyoti Pathak
ਸਾਮ ਦੇ ਧੁੰਧਲਕੇ ਵਿਚ
ਸਾਮ ਦੇ ਧੁੰਧਲਕੇ ਵਿਚ
Surinder blackpen
रस्म उल्फत की यह एक गुनाह में हर बार करु।
रस्म उल्फत की यह एक गुनाह में हर बार करु।
Phool gufran
ग़म
ग़म
shabina. Naaz
बुंदेली दोहा -कुलंग (एक बीमारी)
बुंदेली दोहा -कुलंग (एक बीमारी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
दीपक बवेजा सरल
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ
श्रीकृष्ण शुक्ल
अभिव्यक्ति,आलोचना और टिप्पणियाँ करना  सबके  अधिकार हैं, पर श
अभिव्यक्ति,आलोचना और टिप्पणियाँ करना सबके अधिकार हैं, पर श
DrLakshman Jha Parimal
sp52 जीजा से फूफा/ दूल्हा बैठ गया
sp52 जीजा से फूफा/ दूल्हा बैठ गया
Manoj Shrivastava
“ आओ, प्रार्थना करें “
“ आओ, प्रार्थना करें “
Usha Gupta
घावों को कुरेद कर, नासूर बना रहा हूं।
घावों को कुरेद कर, नासूर बना रहा हूं।
श्याम सांवरा
तेज धूप में वो जैसे पेड़ की शीतल छाँव है,
तेज धूप में वो जैसे पेड़ की शीतल छाँव है,
Ranjeet kumar patre
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
तुम,दर-दर से पूछ लो
तुम,दर-दर से पूछ लो
Inder Bhole Nath
क्या सामान्यता आपके लक्ष्यों में बाधा बन रही है?
क्या सामान्यता आपके लक्ष्यों में बाधा बन रही है?
पूर्वार्थ
"दस्तूर-ए-हयात"
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
Loading...