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3 May 2024 · 1 min read

साधना

साधना

करें नित सेवा हम
सेवा भाव गुने हम
कहें न किसी से कुछ
यही तो है साधना।

मन द्वेष करे नहीं
मन प्रेम करे यहीं
कहे न कड़वे बोल
मन को है साधना।

नीर व्यर्थ बहे नहीं
कूड़ा कहीं दिखे नहीं
प्लास्टिक त्याग दे सभी
देश हित साधना।

पेड़ कटें चार यदि
चालीस पेड़ रोपना
देखभाल करो तब
नित यही साधना।
———————-
डा० भारती वर्मा बौड़ाई

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