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3 May 2024 · 1 min read

आदत अच्छी नहीं है किसी को तड़पाने की

कसम खाई है क्या तुमने हमें सताने की,
इतना पास आके मुझसे दूर जाने की।

हंसके कह दो तो खुशी से मर जायेंगे हम,
क्या जरूरत है इतने सितम ढाने की।

तेरे बिना ज़िंदगी अधूरी है अब तो समझ भी जाओ,
या अब भी ये बात रह गई है बताने की।

तुम्हारे दीदार को तरसती हैं ये आंखें,
कोई वजह बता दो हमको नहीं आने की।

इंतजार की भी इक हद होती है,
आदत अच्छी नहीं है किसी को ऐसे तड़पाने की।

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