Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

फल रही है अजाब की दुनिया ।
सूखती है सवाब की दुनिया ।

कोई काँटा उन्हें नहीं चुभता,
जी रहे जो बनाब की दुनिया ।

आब में भी है एक सेहरा-सा,
और सेहरे में आब की दुनिया ।

जबकि दिल में भरा अँधेरा है,
क्यों है चेहरों पै ताब की दुनिया ?

शर्म लगती है सिर्फ़ बूढ़ों को,
बेहया है शबाब की दुनिया ।

चंद हाथों में कैद-सी लगती,
आज के इंतख़ाब की दुनिया ।
०००
— ईश्वर दयाल गोस्वामी ।

Language: Hindi
1 Like · 191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ईश्वर दयाल गोस्वामी
View all

You may also like these posts

किस क़दर तन्हा थी
किस क़दर तन्हा थी
हिमांशु Kulshrestha
तेरी सादगी
तेरी सादगी
Mandar Gangal
*नमन गुरुवर की छाया (कुंडलिया)*
*नमन गुरुवर की छाया (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हमें जीवन के प्रति सजग होना होगा, अपने चेतना को एक स्पष्ट दि
हमें जीवन के प्रति सजग होना होगा, अपने चेतना को एक स्पष्ट दि
Ravikesh Jha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बनाओ न बहाने, बहाने बनाने से क्या मिलेगा ?
बनाओ न बहाने, बहाने बनाने से क्या मिलेगा ?
Likhan
তুমি জে স্যাং থাকো তো
তুমি জে স্যাং থাকো তো
DrLakshman Jha Parimal
3492.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3492.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
"आजादी के दीवाने"
Dr. Kishan tandon kranti
फूलों का बगीचा नदी के उस पार है।
फूलों का बगीचा नदी के उस पार है।
Madhu Gupta "अपराजिता"
गीत- समय की धूप सर्दी-सी...
गीत- समय की धूप सर्दी-सी...
आर.एस. 'प्रीतम'
वक्त-वक्त की बात है
वक्त-वक्त की बात है
Pratibha Pandey
होके रुकसत
होके रुकसत
Awneesh kumar
There is no fun without you
There is no fun without you
VINOD CHAUHAN
बुढ़ापा अभिशाप नहीं वरदान है
बुढ़ापा अभिशाप नहीं वरदान है
GIRISH GUPTA
उनको शौक़ बहुत है,अक्सर हीं ले आते हैं
उनको शौक़ बहुत है,अक्सर हीं ले आते हैं
Shweta Soni
सच तो आसमान और बादल छाए.....
सच तो आसमान और बादल छाए.....
Neeraj Kumar Agarwal
खुद को भुलाकर, हर दर्द छुपाता मे रहा
खुद को भुलाकर, हर दर्द छुपाता मे रहा
Ranjeet kumar patre
माया - गीत
माया - गीत
Ram kishor Pathak
अधरों के बैराग को,
अधरों के बैराग को,
sushil sarna
तुम्हीं से आरम्भ तो तुम्हीं पे है खत्म होती मेरी कहानी
तुम्हीं से आरम्भ तो तुम्हीं पे है खत्म होती मेरी कहानी
Dr Archana Gupta
श्री चरण नमन
श्री चरण नमन
Dr.Pratibha Prakash
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
Lokesh Sharma
कमबख़्त ये इश्क़ भी इक आदत हो गई है
कमबख़्त ये इश्क़ भी इक आदत हो गई है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कविता : नारी
कविता : नारी
Sushila joshi
"उसने देखा था"
©️ दामिनी नारायण सिंह
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जग से सीख
जग से सीख
Durgesh Bhatt
सत्य की राह
सत्य की राह
Lokesh Dangi
Simple Solutions
Simple Solutions
Shashi Mahajan
Loading...