Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

सिर्फ़ उल्फ़त में सब नहीं आता ।
पहले आता था अब नहीं आता ।

यूँ तो गुस्सा मेरा तुम्हीं पर है,
तुम जो आते हो तब नहीं आता ।

कोई गलती ज़रूर की होगी,
वरना ग़म, बे-सबब नहीं आता ।

दर्द-ए-अहसास है तभी सच्चा,
अश्क़ आँखों में जब नहीं आता ।

आदमी, आदमी नहीं, शायद !
आदमी को अदब नहीं आता ।
०००
— ईश्वर दयाल गोस्वामी
सागर, मध्यप्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 152 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ईश्वर दयाल गोस्वामी
View all

You may also like these posts

*मन में शुचिता लेकर पूजो, विद्या की देवी माता को (राधेश्यामी
*मन में शुचिता लेकर पूजो, विद्या की देवी माता को (राधेश्यामी
Ravi Prakash
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
Rj Anand Prajapati
मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ
मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ
Neeraj Mishra " नीर "
सब्र की शक्ति जिसके पास होती है वह महान इंसान होता है, सब्र
सब्र की शक्ति जिसके पास होती है वह महान इंसान होता है, सब्र
ललकार भारद्वाज
ये जो तुम कुछ कहते नहीं कमाल करते हो
ये जो तुम कुछ कहते नहीं कमाल करते हो
Ajay Mishra
ईश्क में यार थोड़ा सब्र करो।
ईश्क में यार थोड़ा सब्र करो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सत्य/असत्य
सत्य/असत्य
Rajesh Kumar Kaurav
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दीवारें
दीवारें
Shashi Mahajan
"बिकाऊ"
Dr. Kishan tandon kranti
#सुप्रभातम-
#सुप्रभातम-
*प्रणय प्रभात*
देखेगा
देखेगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
यही जीवन है
यही जीवन है
Otteri Selvakumar
मार कोख में बेटी माँ की नज़रों में खुद मरते हो
मार कोख में बेटी माँ की नज़रों में खुद मरते हो
Dr Archana Gupta
चल हंसा वा देश
चल हंसा वा देश
Shekhar Chandra Mitra
ज़िंदगी के ज़ायके में कितनी कड़वाहट भरी
ज़िंदगी के ज़ायके में कितनी कड़वाहट भरी
jyoti jwala
हां मैंने ख़ुद से दोस्ती की है
हां मैंने ख़ुद से दोस्ती की है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
सोच  का   अपनी   विस्तार   करिए
सोच का अपनी विस्तार करिए
Dr fauzia Naseem shad
कहते हो इश्क़ में कुछ पाया नहीं।
कहते हो इश्क़ में कुछ पाया नहीं।
Manoj Mahato
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
Aarti sirsat
प्रेम
प्रेम
विशाल शुक्ल
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कांग्रेस
कांग्रेस
जय लगन कुमार हैप्पी
इश्क
इश्क
Sanjay ' शून्य'
कैसे करें इन पर यकीन
कैसे करें इन पर यकीन
gurudeenverma198
खजूर के वृक्ष का दुख
खजूर के वृक्ष का दुख
Laxmi Narayan Gupta
3199.*पूर्णिका*
3199.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तृष्णा के अम्बर यहाँ,
तृष्णा के अम्बर यहाँ,
sushil sarna
चप्पलें
चप्पलें
Kanchan Khanna
रोक दो ये पल
रोक दो ये पल
Surinder blackpen
Loading...