Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

मन चाहे कुछ कहना .. .. !!

मन चाहे कुछ कहना
फिर सोचूँ अच्छा है चुप रहना।

देख – देखकर आज की दुनिया के हालात
मन में उठते रहते अनगिनत झँझावात
कभी लगे जरूरी इन्हें रूप शब्दों का देना
फिर सोचूँ अच्छा है चुप रहना।

लूट, डकैती, भ्रष्टाचार
बढ़ते जुर्म, बढ़ता अत्याचार
कैसे कहूँ कितना मुश्किल है सब सहना
फिर सोचूँ अच्छा है चुप रहना।

अभी – अभी उठा मन में यह विचार
खामोशी से लग पाएगी क्या नैया पार
नहीं तो क्यों न थामूँ कलम रूपी पतवार
कायरता है इस तरह मूक बने रहना।

मन चाहे कुछ कहना…….।

दिनांक :- २३.०९.२०१६.

Language: Hindi
2 Likes · 270 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kanchan Khanna
View all

You may also like these posts

प्यार : व्यापार या इबादत
प्यार : व्यापार या इबादत
ओनिका सेतिया 'अनु '
महादेवी वर्मा जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि🙏🏻🙏🏻🙏🏻
महादेवी वर्मा जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Harminder Kaur
संस्कार और शिक्षा
संस्कार और शिक्षा
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
Vaishaligoel
दीपक एक जलाना है
दीपक एक जलाना है
surenderpal vaidya
#गणितीय प्रेम
#गणितीय प्रेम
हरवंश हृदय
हर बात पे ‘अच्छा’ कहना…
हर बात पे ‘अच्छा’ कहना…
Keshav kishor Kumar
आओ जलाएं
आओ जलाएं
भगवती पारीक 'मनु'
कलेजा फटता भी है
कलेजा फटता भी है
Paras Nath Jha
विश्वास को जो खो चुके हो वो कभी भी आपके लिए बेहतर नही हो सकत
विश्वास को जो खो चुके हो वो कभी भी आपके लिए बेहतर नही हो सकत
Rj Anand Prajapati
AI की आरी बनी पेड़ों की रक्षक
AI की आरी बनी पेड़ों की रक्षक
अरशद रसूल बदायूंनी
गुरु
गुरु
विशाल शुक्ल
बहुत दागी यहाँ पर हैं
बहुत दागी यहाँ पर हैं
आकाश महेशपुरी
अपना दिल तो ले जाओ जो छोड़ गए थे
अपना दिल तो ले जाओ जो छोड़ गए थे
Jyoti Roshni
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
हमें शांति चाहिए
हमें शांति चाहिए
Sudhir srivastava
प्रेम सच्चा अगर नहीं होता ।
प्रेम सच्चा अगर नहीं होता ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
उम्र जुड़ रही तारीखों में ।
उम्र जुड़ रही तारीखों में ।
विवेक दुबे "निश्चल"
मेरी सिसकी,तेरी हँसी।
मेरी सिसकी,तेरी हँसी।
लक्ष्मी सिंह
भाईचारा
भाईचारा
Mukta Rashmi
प्रयाग में महाकुंभ
प्रयाग में महाकुंभ
Rekha khichi
सितामढी़
सितामढी़
श्रीहर्ष आचार्य
बुरा न मानो, होली है! जोगीरा सा रा रा रा रा....
बुरा न मानो, होली है! जोगीरा सा रा रा रा रा....
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
दिल को यूं भी सुकून देते हैं
दिल को यूं भी सुकून देते हैं
Dr fauzia Naseem shad
ବାତ୍ୟା ସ୍ଥିତି
ବାତ୍ୟା ସ୍ଥିତି
Otteri Selvakumar
बरसों बाद एक सवाल सुलझा हमसे..
बरसों बाद एक सवाल सुलझा हमसे..
Vedkanti bhaskar
बेघर एक
बेघर एक "परिंदा" है..!
पंकज परिंदा
कुंडलिया. . .
कुंडलिया. . .
sushil sarna
विकास की जिस सीढ़ी पर
विकास की जिस सीढ़ी पर
Bhupendra Rawat
"जल"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...