Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

बचपन

ढूँढ रही हूँ बचपन प्यारा,
था वो नटखट बड़ा दुलारा।
दादा शाम को घर आते थे,
थैले में फल भरकर लाते थे।
मिलकर हम सब भाई – बहन,
बाँट – छाँटकर फल खाते थे।
होता था वो समय न्यारा।
ढूँढ रही हूँ……!!
सुनते थे रोज नयी कहानी,
कहती थीं जिसे दादी – नानी।
चाचा – बुआ थे लाड़ लड़ाते,
मामा – मौसी घुमाने ले जाते।
मौसम था वो मस्त हमारा।
ढूँढ रही हूँ…….!!
हम सब बच्चे झुँड बनाते,
नये – नये नित खेल रचाते।
मिलकर करते थे शैतानी,
बातों में भोलापन, नादानी।
अद्भुत था संसार हमारा।
ढूँढ रही हूँ …….!!

दिनांक :- ०९.०३.२०२१. ‌‌‌

Language: Hindi
1 Like · 345 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kanchan Khanna
View all

You may also like these posts

फिर चाहे ज़िंदो में.. मैं मुर्दा ही सही...!!
फिर चाहे ज़िंदो में.. मैं मुर्दा ही सही...!!
Ravi Betulwala
शाश्वत सत्य
शाश्वत सत्य
Ritu Asooja
अदाकारी
अदाकारी
Suryakant Dwivedi
रिश्ते अचानक नहीं टूटते!
रिश्ते अचानक नहीं टूटते!
पूर्वार्थ
एक तस्वीर बनाने वाले की तस्वीर बाजारों में नही बिक रही थी।
एक तस्वीर बनाने वाले की तस्वीर बाजारों में नही बिक रही थी।
Rj Anand Prajapati
World Emoji Day
World Emoji Day
Tushar Jagawat
*भीमताल: एक जन्म-दिवस आयोजन यात्रा*
*भीमताल: एक जन्म-दिवस आयोजन यात्रा*
Ravi Prakash
तेरी यादें : आँखों में
तेरी यादें : आँखों में
DESH RAJ
सनातन के नाम पर जो स्त्रियों पर अपने कुत्सित विचार रखते हैं
सनातन के नाम पर जो स्त्रियों पर अपने कुत्सित विचार रखते हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
वक्त
वक्त
Atul "Krishn"
व्यंजन
व्यंजन
डॉ.सतगुरु प्रेमी
विश्वास
विश्वास
sushil sarna
कर सत्य की खोज
कर सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
प्यार और धोखा
प्यार और धोखा
Dr. Rajeev Jain
5) कब आओगे मोहन
5) कब आओगे मोहन
पूनम झा 'प्रथमा'
मजबूर
मजबूर
विशाल शुक्ल
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ठगी
ठगी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
भविष्य के सपने (लघुकथा)
भविष्य के सपने (लघुकथा)
Indu Singh
"अग्निपथ के राही"
Dr. Kishan tandon kranti
छूकर आसमान फिर जमीन पर लौट आएंगे हम
छूकर आसमान फिर जमीन पर लौट आएंगे हम
Ankita Patel
बे'वजह - इंतज़ार कर लेते।
बे'वजह - इंतज़ार कर लेते।
Dr fauzia Naseem shad
- सेलिब्रेटी की पीड़ा सेलिब्रेटी ही जाने -
- सेलिब्रेटी की पीड़ा सेलिब्रेटी ही जाने -
bharat gehlot
घरोहर एक नजर
घरोहर एक नजर
Sachin patel
*ताना कंटक सा लगता है*
*ताना कंटक सा लगता है*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कौन पैदा हुआ कौन मरा, बुद्ध संकल्पना
कौन पैदा हुआ कौन मरा, बुद्ध संकल्पना
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
शतरंज
शतरंज
भवेश
यह चाय नहीं है सिर्फ़, यह चाह भी है…
यह चाय नहीं है सिर्फ़, यह चाह भी है…
Anand Kumar
ज्ञान:- खुद की पहचान बस और कुछ नहीं
ज्ञान:- खुद की पहचान बस और कुछ नहीं
हरिओम 'कोमल'
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय प्रभात*
Loading...