Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

श्रमिक

श्रमिक
———
१••••
हाँ
बना
श्रमिक
अनपढ़
आज व्यथित
छोड़ महानगर
जाता अपने गाँव।
२••••
ये
दुष्ट
आपदा
छीन रही
सुख आराम
नहीं है विश्राम
काम मिलता नहीं।
३••••
है
भूखी
संतान
निरुपाय
मिले भोजन
इन्हें भरपेट
सोचता है हृदय।
४••••
हैं
दूर
सपने
शिक्षा वस्त्र
प्राथमिकता
सबका भोजन
तत्पश्चात् हो अन्य।
५••••
है
बनी
वैश्विक
महामारी
बेरोजगार
हुए निराधार
छूटते नगर गाँव।
६••••
ये
बने
महल
दुमहले
अथक श्रम
बदला मौसम
नहीं रहा आकाश।
७••••
है
स्वर्ण
सज्जित
हँसे धरा
श्रम सीकर
करते पोषित
शस्य श्यामला भूमि।
~~~~~~~~~~~~~
डा० भारती वर्मा बौड़ाई

143 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Bharati Varma Bourai
View all

You may also like these posts

Colours Of Life
Colours Of Life
Dr Archana Gupta
श्रंगार लिखा ना जाता है।।
श्रंगार लिखा ना जाता है।।
Abhishek Soni
आइना हूं
आइना हूं
Sumangal Singh Sikarwar
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
Dr Tabassum Jahan
"कुछ लोग"
Dr. Kishan tandon kranti
स्वार्थी मन
स्वार्थी मन
Sudhir srivastava
Love ❤️
Love ❤️
Otteri Selvakumar
थे जो आलमगीर परिंदे।
थे जो आलमगीर परिंदे।
पंकज परिंदा
आकाश और पृथ्वी
आकाश और पृथ्वी
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
जिस डाली पर बैठो हो,काट न बंधु डाल रे
जिस डाली पर बैठो हो,काट न बंधु डाल रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लेशमात्र भी शर्म का,
लेशमात्र भी शर्म का,
sushil sarna
चलो मनाएं नया साल... मगर किसलिए?
चलो मनाएं नया साल... मगर किसलिए?
Rachana
रंगों में भी
रंगों में भी
हिमांशु Kulshrestha
दीप
दीप
विशाल शुक्ल
इमारतों में जो रहते हैं
इमारतों में जो रहते हैं
Chitra Bisht
महाकुंभ
महाकुंभ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
#आदरांजलि-
#आदरांजलि-
*प्रणय प्रभात*
प्रेरक गीत
प्रेरक गीत
Saraswati Bajpai
4155.💐 *पूर्णिका* 💐
4155.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दुनिया चतुर सयानी बाला।
दुनिया चतुर सयानी बाला।
Kumar Kalhans
यूं ही नहीं मैंने तेरा नाम ग़ज़ल रक्खा है,
यूं ही नहीं मैंने तेरा नाम ग़ज़ल रक्खा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन
जीवन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
तेरे जाने के बाद बस यादें -संदीप ठाकुर
तेरे जाने के बाद बस यादें -संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
जब हम छोटे से बच्चे थे।
जब हम छोटे से बच्चे थे।
लक्ष्मी सिंह
किरत  कुंवरा  आपरी , इळ  मांहे  अखियात।
किरत कुंवरा आपरी , इळ मांहे अखियात।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ना यादें ना वो वस्लें सूरज भी संकरा होता रहा
ना यादें ना वो वस्लें सूरज भी संकरा होता रहा
Manjula Srivastava
*छोटे-छोटे फायदे, करते बेड़ा गर्क (दोहे)*
*छोटे-छोटे फायदे, करते बेड़ा गर्क (दोहे)*
Ravi Prakash
उठो द्रोपदी....!!!
उठो द्रोपदी....!!!
Neelam Sharma
Loading...