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2 May 2024 · 1 min read

भविष्य की पुकार

अबोध, साहजिक अनिभिज्ञता,
परिस्थितिजन्य अस्थाई स्थितप्रज्ञता,
या निर्दिष्ट अल्पकालीन निष्क्रियता,

निर्बाध असावधान निश्चिंतता व
सामरिक असंवेदनशीलता की
व्यवस्था अवस्था से सभी प्रकार से
वांछनीय, स्वीकार्य व शिरोधार्य है

कारण – भले ही आज वह जीवन
के इन कठिन, जटिल क्षणों में
हमें उद्दिष्ट गंतव्यों, कार्यकलापों
से तात्कालिक दृष्टया दूर रखे है

परन्तु यह सदैव स्मरण रहे कि
इसी अनुशासित जीवनशैली में ही
हम सभी का सुनहरा भविष्य निहित है

~ नितिन जोधपुरी “छीण”

1 Like · 118 Views
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