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1 May 2024 · 1 min read

सबकी यादों में रहूं

संसार की बस में तो
मिलना जुलना लगा रहेगा,
नेह भाव के डोर में
क्यों मैं बंधू!!
यादों के जाल में
मैं क्यों उलझूं !!
अनुराग के तारों में
मैं क्यों फंसू!!
नादान बातों से
मैं क्यों हंसू !!
नाहक बातों सें
मैं क्यों डरूं!!
वैसी जैसी बातों से
मैं क्यों फंसु !!
फिर बेवजह
मैं क्यों लरूं!!
कर्म क्षेत्र जगत सलोना
सुकर्म क्यों न करूं।
बस कुछ तमन्ना है मन में
मुस्कान लाऊं और मुस्कान भरूं,
जीवन सफर अनमोल
मैं नफरत किसी से भी न करूं,
अलविदा लूं जब संसार बस सें
बनूं वो शख्स जो सबकी यादों में रहूं।
-सीमा गुप्ता,अलवर राजस्थान

Language: Hindi
1 Like · 155 Views
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