Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

इंतहा

कैसे-कैसे काँटों से गुजर कर,
गुलशन तक पहुँचे,
इंतहा तब हुई जब गुलशन ने कहा
फूलों का मौसम निकल गया।

कैसे-कैसे रास्तों से गुजर कर,
मंजिल तक पहुँचे,
इंतहा तब हुई जब मंजिल हँसी,
वक्त कब का गुजर गया।

ऐ जिंदगी, तेरा साथ भी खूब रहा,
सफर तमाम उम्र चलता रहा,
न काफिला मिला, न मंजिल मिली,
न हमसफर ही कोई मिला।

दिनांक – १९/०५/२०१८.

Language: Hindi
1 Like · 209 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kanchan Khanna
View all

You may also like these posts

" दौर "
Dr. Kishan tandon kranti
अतीत कि आवाज
अतीत कि आवाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
किस्मत से
किस्मत से
Chitra Bisht
धर्म-अधर्म (Dharma-Adharma)
धर्म-अधर्म (Dharma-Adharma)
Acharya Shilak Ram
गुरु अंगद देव
गुरु अंगद देव
कवि रमेशराज
****गणेश पधारे****
****गणेश पधारे****
Kavita Chouhan
छोटी चिड़िया (गौरेया)
छोटी चिड़िया (गौरेया)
डॉ. शिव लहरी
#शोहरत कैसे मिले
#शोहरत कैसे मिले
Radheshyam Khatik
गुलदानों में आजकल,
गुलदानों में आजकल,
sushil sarna
उनको अब हमसे प्यार नहीं रहा
उनको अब हमसे प्यार नहीं रहा
Jyoti Roshni
क्या है
क्या है
Dr fauzia Naseem shad
कुंडलियां
कुंडलियां
Rambali Mishra
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
Atul "Krishn"
कुछ भी नहीं हमको फायदा, तुमको अगर हम पा भी ले
कुछ भी नहीं हमको फायदा, तुमको अगर हम पा भी ले
gurudeenverma198
पीयूष गोयल में हाथ से लिखी दर्पण छवि में १७ पुस्तकें.
पीयूष गोयल में हाथ से लिखी दर्पण छवि में १७ पुस्तकें.
Piyush Goel
* हो जाता ओझल *
* हो जाता ओझल *
surenderpal vaidya
*ये रिश्ता क्या कहलाता है*
*ये रिश्ता क्या कहलाता है*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुम्हारी आँखें कमाल आँखें
तुम्हारी आँखें कमाल आँखें
Anis Shah
VOICE OF INTERNAL SOUL
VOICE OF INTERNAL SOUL
SURYA PRAKASH SHARMA
मानव का मिजाज़
मानव का मिजाज़
डॉ. एकान्त नेगी
परछाईं (कविता)
परछाईं (कविता)
Indu Singh
टूटते पत्तो की तरह हो गए हैं रिश्ते,
टूटते पत्तो की तरह हो गए हैं रिश्ते,
Anand Kumar
वैसे अपने अपने विचार है
वैसे अपने अपने विचार है
शेखर सिंह
सीमा प्रहरी
सीमा प्रहरी
लक्ष्मी सिंह
दोस्ती : कल और आज
दोस्ती : कल और आज
Shriyansh Gupta
मुक्तक
मुक्तक
Raj kumar
खुद्दार
खुद्दार
अखिलेश 'अखिल'
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"मनुष्य की प्रवृत्ति समय के साथ बदलना शुभ संकेत है कि हम इक्
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...