Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

कमर की चाबी…

कमर पर जो बंधी रहती थी, वो चाबी खो गयी,
साझा गृहस्थी घर की, अपनी अपनी हो गयी…

कई ताले कभी, एक चाबी से ही खुल जाते थे,
अब अलग अलग सबकी, अलमारी हो गयी…

सब जानते थे घर मे कि, किसका कहाँ क्या है,
अब लोटा थाली भी, मायका ससुरारी हो गयी….

अपना ताला गैरों को, तका के जाते हैं लोग,
अब घर के लोगों से ही, घर में गद्दारी हो गयी…

कई रंगो का गुलदस्ता, जो कभी दुनिया देखती थी,
अब अलग अपनी-अपनी, घर में क्यारी हो गयी…

©विवेक’वारिद’ *

Language: Hindi
1 Like · 129 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Vivek Pandey
View all

You may also like these posts

पुनीत /लीला (गोपी) / गुपाल छंद (सउदाहरण)
पुनीत /लीला (गोपी) / गुपाल छंद (सउदाहरण)
Subhash Singhai
There are few moments,
There are few moments,
Sakshi Tripathi
3195.*पूर्णिका*
3195.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अनजाना जीवन
अनजाना जीवन
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
🙏 *गुरु चरणों की धूल* 🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल* 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*कंठ मधुर होता है तो, हर गाना प्यारा लगता है (मुक्तक)*
*कंठ मधुर होता है तो, हर गाना प्यारा लगता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
"जुबां पर"
Dr. Kishan tandon kranti
Raniya Bhikharin.
Raniya Bhikharin.
Acharya Rama Nand Mandal
आजादी  भी अनुशासित हो।
आजादी भी अनुशासित हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दिवाली क्यों मनाई जाती है?
दिवाली क्यों मनाई जाती है?
Jivan ki Shuddhta
मुकद्दर से बना करते हैं रिश्ते इस ज़माने में,
मुकद्दर से बना करते हैं रिश्ते इस ज़माने में,
Phool gufran
साँझ पृष्ठ पर है लिखा,
साँझ पृष्ठ पर है लिखा,
sushil sarna
..
..
*प्रणय प्रभात*
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
चौराहे पर....!
चौराहे पर....!
VEDANTA PATEL
मुंशी प्रेमचंद जी.....(को उनके जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन)
मुंशी प्रेमचंद जी.....(को उनके जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन)
Harminder Kaur
മോഹം
മോഹം
Heera S
शब्द क्यूं गहे गए
शब्द क्यूं गहे गए
Shweta Soni
HAPPINESS!
HAPPINESS!
R. H. SRIDEVI
भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो
भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो
दीपक बवेजा सरल
संवेदना
संवेदना
Neeraj Kumar Agarwal
संबंध
संबंध
Shashi Mahajan
Voi giao dien than thien, toc do xu ly muot ma va nhieu game
Voi giao dien than thien, toc do xu ly muot ma va nhieu game
Go88 Cổng game bài uy tín
मजदूरों के मसीहा
मजदूरों के मसीहा
नेताम आर सी
“एक कोशिश”
“एक कोशिश”
Neeraj kumar Soni
किताबों वाले दिन
किताबों वाले दिन
Kanchan Khanna
रक्षाबंधन के दिन, भैया तू आना
रक्षाबंधन के दिन, भैया तू आना
gurudeenverma198
संस्कृति
संस्कृति
Abhijeet
वो लिखती है मुझ पर शेरों- शायरियाँ
वो लिखती है मुझ पर शेरों- शायरियाँ
Madhuyanka Raj
Loading...