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1 May 2024 · 1 min read

2. *मेरी-इच्छा*

मै नही चाहती कोई ‘मार्ग’ अपने नाम, कि…
हर कोई मुझे ‘रौंदता’ चला जाये।
नहीं चाहती कोई भी ‘भवन अपने नाम, कि…
कोई भी उसमें बसर कर जाये।
नहीं चाहती सबकी जुबां पर अपना नाम कि…
कोई भी मुझे अपशब्द कह जाये।
नहीं चाहती कोई एक दिन अपने नाम कि…
उस दिन के बाद मुझे सब भूल जायें।
तो क्या चाहती हूँ मैं….
अक्सर यही सोचती हूँ ‘मधु’।
मेरी यही इच्छा है कि….
लोगों के दिलों में हो हर दिन मेरा नाम।
और धड़कनों में सदैव रहे मेरा अहसास।।

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