Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

तालीम का मजहब

तालीम का मजहब

हाँ, मुझे आज भी, यह अच्छी तरह से याद है,
मेरी किसी स्कूल में मेरा कोई मज़हब नहीं था,

मेरे गुरुवर रहे होंगे, चाहे किसी भी धरम से,
उनकी शिक्षाओं का कभी कोई मज़हब नहीं था,

मेरे दोस्त भी हमेशा से मेरे दोस्त ही बन कर रहे,
मेरे उन फरिश्तों का कभी कोई मज़हब नहीं था,

इसीलिए आज, प्रभु से, मेरी बस इतनी सी अरदास हो,
इंसानियत, दोस्ती, मुहब्बत की सीख हम सभी के पास हो ,

जिन्हें जो धरम, मजहब मनाना हो, अपने ज़ेहन में बुलंद करें,
जिन्हें जो रीत रिवाज़ निभाने हों, अपने घर आंगन सानंद करें,

मत घुसने दें, आडंबरों, पाखंडों की, इस अंधी भीड़ को,
हमारे सीख, शिक्षा तालीम सबक के इन पाक मंदिरों में,
संपूर्णता, समग्रता, कभी भी किन्हीं चिन्हों की मोहताज नहीं होती,
बंध ही नहीं सकती है सृष्टि और हस्ती, कुछ संकीर्ण हस्ताक्षरों में,

और ये बात मेरे सभी संगी साथी, राहबर, कतई कतई ना भूलें,
चौराहे पर खड़ी भीड़ का कभी कोई धरम या मज़हब नहीं था

हाँ, हाँ, मुझे आज भी, यह अच्छी तरह से याद है,
मेरी किसी भी स्कूल में मेरा कोई मज़हब नहीं था

~ नितिन जोधपुरी ‘छीण’

2 Likes · 112 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
आवाज मन की
आवाज मन की
Pratibha Pandey
श्री राम
श्री राम
Neerja Sharma
दिल के किसी कोने में
दिल के किसी कोने में
Chitra Bisht
सेवानिवृत्ति
सेवानिवृत्ति
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
काल  अटल संसार में,
काल अटल संसार में,
sushil sarna
गुरु गोविंद सिंह
गुरु गोविंद सिंह
Anop Bhambu
हमारी भूले
हमारी भूले
C S Santoshi
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
"शत्रुता"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं देता उनको साधुवाद जो निज कर्तव्य निभाते
मैं देता उनको साधुवाद जो निज कर्तव्य निभाते
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आओ चलते हैं
आओ चलते हैं
Arghyadeep Chakraborty
जिन्दगी 'रब' ने तुमको बख़्शी है
जिन्दगी 'रब' ने तुमको बख़्शी है
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल- जज़्बात से खेला...
ग़ज़ल- जज़्बात से खेला...
आकाश महेशपुरी
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आधुनिक दोहे
आधुनिक दोहे
Nitesh Shah
कुछ इस कदर इश्क
कुछ इस कदर इश्क
ललकार भारद्वाज
प्रेम होना ही सबसे बड़ी सफलता है
प्रेम होना ही सबसे बड़ी सफलता है
पूर्वार्थ
इस धरती में सब किरायेदार हैं
इस धरती में सब किरायेदार हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
Lokesh Sharma
*स्वार्थी दुनिया *
*स्वार्थी दुनिया *
Priyank Upadhyay
प्राकृतिक सौंदर्य
प्राकृतिक सौंदर्य
Rahul Singh
सिन्दूर (ऑपरेशन सिंदूर)
सिन्दूर (ऑपरेशन सिंदूर)
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
“बधाई और शुभकामना”
“बधाई और शुभकामना”
DrLakshman Jha Parimal
गौतम बुद्ध - दोहा छंद
गौतम बुद्ध - दोहा छंद
Ram kishor Pathak
तोता और इंसान
तोता और इंसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
लो! दिसंबर का महीना आ खड़ा हुआ ,
लो! दिसंबर का महीना आ खड़ा हुआ ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
त्योहारों का देश
त्योहारों का देश
surenderpal vaidya
*आई बारिश कह रही, जमे चाय का रंग (कुंडलिया)*
*आई बारिश कह रही, जमे चाय का रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
देखेगा
देखेगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...