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30 Apr 2024 · 1 min read

122 122 122 12

122 122 122 12
दुआएं लगे मां की एसे तुझे
छुपाती रहे हर बला से तुझे

क़दम भर चले तू जहाँ पे कहीं
रुकी सांसें अटकी बतायें तुझे

वो ममता की मूरत है तेरे लिए
इबादत वो जन्नत है तेरे लिए
छुपाती है आंचल मैं कैसे तुझे

लेखक – ज़ुबैर खान……✍️

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