122 122 122 12

122 122 122 12
दुआएं लगे मां की एसे तुझे
छुपाती रहे हर बला से तुझे
क़दम भर चले तू जहाँ पे कहीं
रुकी सांसें अटकी बतायें तुझे
वो ममता की मूरत है तेरे लिए
इबादत वो जन्नत है तेरे लिए
छुपाती है आंचल मैं कैसे तुझे
लेखक – ज़ुबैर खान……✍️