Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2024 · 1 min read

व्यवहार वह सीढ़ी है जिससे आप मन में भी उतर सकते हैं और मन से

व्यवहार वह सीढ़ी है जिससे आप मन में भी उतर सकते हैं और मन से भी।

471 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

होली (माहिया गीत)
होली (माहिया गीत)
Dr Archana Gupta
"कहानी मेरी अभी ख़त्म नही
पूर्वार्थ
सरफिरे ख़्वाब
सरफिरे ख़्वाब
Shally Vij
सत्तर की दहलीज पर!
सत्तर की दहलीज पर!
Jaikrishan Uniyal
जज्बात
जज्बात
Mamta Rani
आपसा हम जो
आपसा हम जो
Dr fauzia Naseem shad
एक सच
एक सच
Neeraj Kumar Agarwal
कोरोना ना, ना, ना ( RJ Anand Prajapati की आवाज मे )
कोरोना ना, ना, ना ( RJ Anand Prajapati की आवाज मे )
Rj Anand Prajapati
हर रोज़ तुम्हारा पता पूछते उन गलियों में चला जाता हूं
हर रोज़ तुम्हारा पता पूछते उन गलियों में चला जाता हूं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यही सच है..
यही सच है..
jyoti jwala
"सब भाषा अछि जग मे सुन्दर "
DrLakshman Jha Parimal
नेता
नेता
विशाल शुक्ल
स्पंदन
स्पंदन
Shekhar Deshmukh
दिया है हमको क्या तुमने
दिया है हमको क्या तुमने
gurudeenverma198
ढाई अक्षर वालों ने
ढाई अक्षर वालों ने
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य की खोज अधूरी है
सत्य की खोज अधूरी है
VINOD CHAUHAN
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
आभार🙏
आभार🙏
पं अंजू पांडेय अश्रु
वक्त-वक्त की बात है
वक्त-वक्त की बात है
Pratibha Pandey
221 2122 221 2122
221 2122 221 2122
SZUBAIR KHAN KHAN
यह मुहोबत का दिन कोई एक दिन की बात नहीं,
यह मुहोबत का दिन कोई एक दिन की बात नहीं,
ओनिका सेतिया 'अनु '
पीछे मुड़कर
पीछे मुड़कर
Davina Amar Thakral
--> पुण्य भूमि भारत <--
--> पुण्य भूमि भारत <--
Ankit Halke jha
शायद तुम ना जान सकी
शायद तुम ना जान सकी
ललकार भारद्वाज
दिल ने दिल को दे दिया, उल्फ़त का पैग़ाम ।
दिल ने दिल को दे दिया, उल्फ़त का पैग़ाम ।
sushil sarna
अगर हमारा सुख शान्ति का आधार पदार्थगत है
अगर हमारा सुख शान्ति का आधार पदार्थगत है
Pankaj Kushwaha
उनकी  बातों  में  जहर  घुला है।
उनकी बातों में जहर घुला है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दिल टूटा
दिल टूटा
Ruchika Rai
दोहा
दोहा
seema sharma
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...