Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Apr 2024 · 1 min read

समय (कविता)

समय-समय की बात है
समय बड़ा ही हैं बलवान।

समय के आगे सब कोई हारा
चाहे दुर्बल हो या पहलवान।

समय बदलता रहता सबका
चाहे गरीब हो या धनवान।

बदला समय जब हरिश्चंद्र का
पहुंचा दिया उनको श्मशान।

बदला समय जब रामचंद्र का
जंगल जंगल भटके थे राम।

समय-समय की बात है
समय बड़ा ही है बलवान।

Language: Hindi
149 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

नारी....एक सच
नारी....एक सच
Neeraj Kumar Agarwal
इंसान हो या फिर पतंग
इंसान हो या फिर पतंग
शेखर सिंह
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कुछ खास शौक नही है मुझे जीने का।
कुछ खास शौक नही है मुझे जीने का।
अश्विनी (विप्र)
"वो आवाज़ तुम्हारी थी"
Lohit Tamta
व्यक्तित्व
व्यक्तित्व
Dr Archana Gupta
" दूर और गुरुर "
Dr. Kishan tandon kranti
#चुनावी मौसम में-
#चुनावी मौसम में-
*प्रणय प्रभात*
तुम्हारी दोस्ती
तुम्हारी दोस्ती
Juhi Grover
मैं रंग बन के बहारों में बिखर जाऊंगी
मैं रंग बन के बहारों में बिखर जाऊंगी
Shweta Soni
*अपने गुट को अच्छा कहना, बाकी बुरा बताना है (हिंदी गजल)*
*अपने गुट को अच्छा कहना, बाकी बुरा बताना है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
हिंदी दोहे विषय -खजूर
हिंदी दोहे विषय -खजूर
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
मस्ती
मस्ती
Rambali Mishra
उजालों के साए
उजालों के साए
Kanchan verma
Feelings of love
Feelings of love
Bidyadhar Mantry
“ख़्वाब देखे मैंने कई  सारे है
“ख़्वाब देखे मैंने कई सारे है
Neeraj kumar Soni
जब से बिछड़ी , मिली न ख्वाबों में ,
जब से बिछड़ी , मिली न ख्वाबों में ,
Neelofar Khan
दीवानगी
दीवानगी
Shyam Sundar Subramanian
धुँआ-सा उड़ रहा पल-पल
धुँआ-सा उड़ रहा पल-पल
लक्ष्मी सिंह
कवि मन
कवि मन
Rajesh Kumar Kaurav
4691.*पूर्णिका*
4691.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मृत्यु आते हुए
मृत्यु आते हुए
Arun Prasad
आसमान की सैर
आसमान की सैर
RAMESH SHARMA
ऐसे क्यों लगता है,
ऐसे क्यों लगता है,
Kanchan Alok Malu
बिन बोले सब कुछ बोलती हैं आँखें,
बिन बोले सब कुछ बोलती हैं आँखें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
धर्म के परदे  के   पीछे,  छुप   रहे    हैं  राजदाँ।
धर्म के परदे के पीछे, छुप रहे हैं राजदाँ।
दीपक झा रुद्रा
स्वतंत्रता दिवस पर विशेष
स्वतंत्रता दिवस पर विशेष
पूनम दीक्षित
धर्मरोष
धर्मरोष
PANKAJ KUMAR TOMAR
हर मंजिल के आगे है नई मंजिल
हर मंजिल के आगे है नई मंजिल
दीपक बवेजा सरल
Loading...