नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
गृहणी का बुद्ध
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
अपनों से अपने जहां,करें द्वेष छल घात
लड़ रहा सरहद पर कोई भाई,बेटा और पति
हर खुशी मांग ली
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
जीवन अनंत की यात्रा है और अनंत में विलीन होना ही हमारी मंजिल
कान भरने वाले सदा से ही आपके इर्द गिर्द ही है
मैदानी क्षेत्र में जैसे नदिया बहती
तेरे ख़्याल में हूं,मैं तेरे ज़िक्र में हूं ,
" मुझे नहीं पता क्या कहूं "
अहाॅं बाजू नै बाजू पैर बजै पेजनियाॅं
फ़लसफ़े - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, रामपुर*