Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2024 · 1 min read

मुहब्बत भी मिल जाती

मुहब्बत भी मिल जाती,
खुशियाँ भी खिल जाती,
दिया होता जो साथ अपना,
बगावत भी मिट जाती।

नशा तेरी मुहब्बत का,
आँखों में बसा रहता,
सजा मुझकों ना मिलती तुझसे,
वफा तेरी ना मिट जाती।

मुकद्दर में मिले जो थे,
वह साथ हमारा तुम्हारा था,
सफऱ में हम सफर रूठा,
अधूरी मुहब्बत मिली मुझको।

इंतजार लिखा है नसीबो में,
नसीब मेरा अब तुम ही हो,
भूलू कहो ये तुम मझसे,
ये भूल मुझसे कैसे होगा।

रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर

Language: Hindi
1 Like · 149 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all

You may also like these posts

मेरे हमसफ़र
मेरे हमसफ़र
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
Harminder Kaur
नमन उन वीर को दिल से,
नमन उन वीर को दिल से,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू...!!
ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू...!!
पूर्वार्थ
sp 27 भारत भूमि के कितने
sp 27 भारत भूमि के कितने
Manoj Shrivastava
मउगी ओकर (हास्य कविता)
मउगी ओकर (हास्य कविता)
आकाश महेशपुरी
* फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूब *
* फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूब *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ज़ख्मों की गहराई
ज़ख्मों की गहराई
Dr. Rajeev Jain
पहाड़ की पगडंडी
पहाड़ की पगडंडी
सुशील भारती
हिन्दुस्तान जहाँ से अच्छा है
हिन्दुस्तान जहाँ से अच्छा है
Dinesh Kumar Gangwar
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)
Subhash Singhai
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
दोहे
दोहे
seema sharma
यादों की कश्ती में।
यादों की कश्ती में।
लक्ष्मी सिंह
" कविता "
Dr. Kishan tandon kranti
सच हार रहा है झूठ की लहर में
सच हार रहा है झूठ की लहर में
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
........
........
शेखर सिंह
तुम्हारी गली से आने जाने लगे हैं
तुम्हारी गली से आने जाने लगे हैं
Shreedhar
जब मति ही विपरीत हो
जब मति ही विपरीत हो
RAMESH SHARMA
ख़ुद से अपना हाथ छुड़ा कर - संदीप ठाकुर
ख़ुद से अपना हाथ छुड़ा कर - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
बचकानी बातें करने वाले बुज़ुर्गों की इमेज उन छोरों ज
बचकानी बातें करने वाले बुज़ुर्गों की इमेज उन छोरों ज
*प्रणय प्रभात*
नारी
नारी
Nitesh Shah
माँ.
माँ.
Heera S
तेरे घर का आईना किसी रोज साफ तो कर
तेरे घर का आईना किसी रोज साफ तो कर
अश्विनी (विप्र)
"ग़म का दरिया"
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
Gatha ek naari ki
Gatha ek naari ki
Sonia Yadav
लोककवि रामचरन गुप्त मनस्वी साहित्यकार +डॉ. अभिनेष शर्मा
लोककवि रामचरन गुप्त मनस्वी साहित्यकार +डॉ. अभिनेष शर्मा
कवि रमेशराज
जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य
जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य
Buddha Prakash
रुत चुनाव की आई 🙏
रुत चुनाव की आई 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
Befikr Lafz
Loading...