बाखुदा ये जो अदाकारी है
बाखुदा ये जो अदाकारी है
सौ तजुर्बों पे एक भारी है
मेरे हिस्से में फूल थे ही कब
मेरी काँटों से साझेदारी है
बाखुदा ये जो अदाकारी है
सौ तजुर्बों पे एक भारी है
मेरे हिस्से में फूल थे ही कब
मेरी काँटों से साझेदारी है