परिस्थिति से भागने के बजाय उसे जानने में हमें उत्सुक होना चा
*रामपुर में विवाह के अवसर पर सेहरा गीतों की परंपरा*
निंदक सज्जन को करें ,एक मात्र बदनाम ।
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
वक्त वक्त की बात है आज आपका है,तो कल हमारा होगा।
माँ अपने बेटे से कहती है :-
रक्तदान पर कुंडलिया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मन मेरा क्यों उदास है.....!
जाने कितने देवालय को,नालन्दा से विद्यालय को,
#पितरों की आशीष
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
नज़र को नज़रिए की तलाश होती है,
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
বিষ্ণুর গান (বিষ্ণুকে নিয়ে লেখা গান)