Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Apr 2024 · 1 min read

पदोन्नति

कमलादेवी आज सोच रही थी- शासकीय सेवकों की तरह स्त्रियाँ भी पदोन्नति प्राप्त करती हैं। जब तक पिता के घर में थी, हर तरह से स्वतंत्र थी। पढ़ती थी, घूमती थी, खाती थी। लेकिन जिम्मेदारी का कोई बोझ न था। शायद वह बेरोजगारी का काल था, जीवन का स्वर्णिम दौर था।

जब ब्याह कर ससुराल आई तो बहू रानी यानी गृहलक्ष्मी बन गई, जो नौकरी की शुरुआत थी। माँ बनी तो दायित्व बढ़े। समय चक्र कभी रुकता नहीं। फिर एक दिन सास बन गई यानी घर, परिवार और समाज की नजरों में बुजुर्ग महिला। कुछ समय और गुजरा,,,, और आज मैं घर की आया हूँ। अन्य शब्दों में कामवाली बाई।

जरा आप भी सोचकर बताइए ना, यह समयबद्ध पदोन्नति नहीं तो और क्या है? इस पदोन्नति में अगर कुछ नहीं है तो वह है- ‘सुख’, और यदि कुछ है तो वह है- ‘वेदना’।

मेरी प्रकाशित 34वीं कृति :
‘ककहरा’- लघुकथा-संग्रह (दलहा, भाग- 5)

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत भूषण सम्मान प्राप्त।

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

मदद एक ऐसी घटना है..
मदद एक ऐसी घटना है..
Aslam sir Champaran Wale
कहो क्यों लोग कहते हैं
कहो क्यों लोग कहते हैं
DrLakshman Jha Parimal
O CLOUD !
O CLOUD !
SURYA PRAKASH SHARMA
वाद को वाद ही रहने दें, विवाद न बनने दें…
वाद को वाद ही रहने दें, विवाद न बनने दें…
सुशील कुमार 'नवीन'
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
संजय कुमार संजू
" शौक "
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी में इतना खुश रहो कि,
जिंदगी में इतना खुश रहो कि,
Ranjeet kumar patre
*पयसी प्रवक्ता*
*पयसी प्रवक्ता*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इश्क की आड़ में छलावा,एक निर्दोष पति की दर्दनाक दास्तान : अभिलेश श्रीभारती
इश्क की आड़ में छलावा,एक निर्दोष पति की दर्दनाक दास्तान : अभिलेश श्रीभारती
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती
इंसानों को इंसानों की, भीड़ कुचलती चली गयी
इंसानों को इंसानों की, भीड़ कुचलती चली गयी
Dhirendra Singh
When a photographer can't change a scene, he changes his ang
When a photographer can't change a scene, he changes his ang
पूर्वार्थ
प्रेरणा
प्रेरणा
Sunil Maheshwari
क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
VINOD CHAUHAN
#विशेष_दोहा
#विशेष_दोहा
*प्रणय प्रभात*
यादें अपनी बेच कर,चला गया फिर वक्त
यादें अपनी बेच कर,चला गया फिर वक्त
RAMESH SHARMA
हरेली तिहार
हरेली तिहार
डिजेन्द्र कुर्रे
*गोरे से काले हुए, रोगों का अहसान (दोहे)*
*गोरे से काले हुए, रोगों का अहसान (दोहे)*
Ravi Prakash
अपना भी नहीं बनाया उसने
अपना भी नहीं बनाया उसने
दीपक बवेजा सरल
उसकी सुनाई हर कविता
उसकी सुनाई हर कविता
हिमांशु Kulshrestha
4661.*पूर्णिका*
4661.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
இந்த உலகில் எல்லாமே நிலையற்றது தான் நிலையானது இன்று நாம் நின
இந்த உலகில் எல்லாமே நிலையற்றது தான் நிலையானது இன்று நாம் நின
Otteri Selvakumar
*रंगों की खुमारी है*
*रंगों की खुमारी है*
Ramji Tiwari
परिवार होना चाहिए
परिवार होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
तुमको खोकर
तुमको खोकर
Dr fauzia Naseem shad
अंगराज कर्ण
अंगराज कर्ण
श्रीहर्ष आचार्य
बरसात
बरसात
manorath maharaj
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
Dr Tabassum Jahan
संवेग बने मरणासन्न
संवेग बने मरणासन्न
प्रेमदास वसु सुरेखा
हुआ है इश्क जब से मैं दिवानी हो गई हूँ
हुआ है इश्क जब से मैं दिवानी हो गई हूँ
Dr Archana Gupta
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Loading...