दिव्यास्त्र से कम हैं क्या
रमज़ान मुबारक कहते कहते,
CAA को मुबारक कह बैठे।
दिव्यास्त्र कहा था बस उसने,
दिव्यास्त्र दिखा कर बैठ गए।।
तुम करो भरोसा बस उस पर,
विकसित राष्ट्र बनाकर बैठेगा।
ना चैन से वो कभी बैठा हैं,
ना चैन से वो कभी बैठेगा।।
राम राज्य की तो शुरुआत हैं,
दिव्यास्त्र तो आने बाकी हैं।
रहा संगठित अगर सनातन,
हिन्दू राष्ट्र का बनना बाकी हैं।।
ललित खबर तो आती रहेगी,
ललित देश को बनना बाकी हैं।
ललकार कहे पुकार पुकार के,
और भी दिव्यास्त्र आने बाकी हैं।।
ललकार भारद्वाज