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6 Apr 2024 · 1 min read

3239.*पूर्णिका*

3239.*पूर्णिका*
🌷 भाग्य से ही मिलता है सब🌷
2122 22 22
भाग्य से ही मिलता है सब।
चाह से ही मिलता है सब ।।
देख मंजिल कहती अपनी ।
जिंदगी में मिलता है सब ।।
तालमेल जहाँ हो देखो।
काम बनते मिलता है सब ।।
बदल जाते दुनिया सुंदर।
सोच से ही मिलता है सब ।।
फूल खिलते दामन खेदू।
राह चलके मिलता है सब ।।
…….✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
06-04-2024शनिवार

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