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6 Apr 2024 · 1 min read

रुलाई

पता नही यह ग़ज़ल है या कि रूबाई!
शब्दो मे बँधी है,केवल मेरी ही रुलाई!!

न मै छंद जानू.न जानू क्या कवित्त है?
क्यो लोग दे रहे, कवि होने की बधाई?

शब्द विन्यास सफल रहे,है यह प्रयास!
न मात्राओ का ग्यान,नदे कुछ सुझाई!!

आनंद अथवा वेदना का स्वर सुनकर,
लिख दिया वही,जो अंतस को रिझाई!!

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