*चलो खरीदें कोई पुस्तक, फिर उसको पढ़ते हैं (गीत)*
कई बचपन की साँसें - बंद है गुब्बारों में
*** होली को होली रहने दो ***
साहित्य चेतना मंच की मुहीम घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि
तेरा बहुत बहुत शुक्रिया ए जिंदगी !
🌹🙏 Bhaj man radhe krishna 🙏 🌹
ये दुनिया भी हमें क्या ख़ूब जानती है,
"पँ0 कृष्णराव गणेश" के जन्मदिन, 20 जनवरी पर विशेष"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मान हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
उसकी सूरत में उलझे हैं नैना मेरे।
पिता,वो बरगद है जिसकी हर डाली परबच्चों का झूला है
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
लवली दर्शन(एक हास्य रचना ) ....
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार