Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2024 · 1 min read

“दरी दादी”

“दरी दादी”
दरी दादी ने कइयों को
दामन में पाले पोसे,
आज भी कई माताएँ
छोड़ देती अपने बच्चे को
दरी दादी के भरोसे।

3 Likes · 3 Comments · 130 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
Ravi Prakash
🙅एक सलाह🙅
🙅एक सलाह🙅
*प्रणय प्रभात*
कैसी दुनिया है की जी भी रहे है और जीने के लिए मर भी रहे है । क्या अजब लीला है तेरी की जो खो रहे ह, आखिर वही पा रहे
कैसी दुनिया है की जी भी रहे है और जीने के लिए मर भी रहे है । क्या अजब लीला है तेरी की जो खो रहे ह, आखिर वही पा रहे
अश्विनी (विप्र)
पत्नी   से   पंगा   लिया, समझो   बेड़ा  गर्क ।
पत्नी से पंगा लिया, समझो बेड़ा गर्क ।
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
मुक्तक- होली
मुक्तक- होली
आकाश महेशपुरी
ग़म
ग़म
Shutisha Rajput
फांसी का फंदा भी कम ना था,
फांसी का फंदा भी कम ना था,
Rahul Singh
टूट गई बेड़ियाँ
टूट गई बेड़ियाँ
Kavita Chouhan
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
gurudeenverma198
जीवन के पल दो चार
जीवन के पल दो चार
Bodhisatva kastooriya
जातिवाद को मनमें रखकर, लोग करे व्यवहार।
जातिवाद को मनमें रखकर, लोग करे व्यवहार।
संजय निराला
हिन्दी ही दोस्तों
हिन्दी ही दोस्तों
SHAMA PARVEEN
ये क्या किया जो दिल को खिलौना बना दिया
ये क्या किया जो दिल को खिलौना बना दिया
Dr Archana Gupta
दूरियां
दूरियां
प्रदीप कुमार गुप्ता
नया साल लेके आए
नया साल लेके आए
Dr fauzia Naseem shad
*नए दौर में*
*नए दौर में*
Shashank Mishra
सफ़र जिंदगी के.....!
सफ़र जिंदगी के.....!
VEDANTA PATEL
हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना.....
हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना.....
ओसमणी साहू 'ओश'
"सच्चाई"
Dr. Kishan tandon kranti
दर्द की धुन
दर्द की धुन
Sangeeta Beniwal
sp 82नेताजी सुभाष चंद्र बोस
sp 82नेताजी सुभाष चंद्र बोस
Manoj Shrivastava
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
बुन्देली दोहा - अतपर (बीच में)
बुन्देली दोहा - अतपर (बीच में)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बात का क्या है
बात का क्या है
Vivek Pandey
तेरे बदलने का दुख नहीं है मुझको,
तेरे बदलने का दुख नहीं है मुझको,
Ranjeet kumar patre
सबकी आंखों में एक डर देखा।
सबकी आंखों में एक डर देखा।
Kumar Kalhans
चिट्ठी
चिट्ठी
श्रीहर्ष आचार्य
शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है दोस्तों यहां पर,
शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है दोस्तों यहां पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कविता
कविता
Pushpraj devhare
Loading...