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2 Apr 2024 · 1 min read

झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा

झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
झूठ ओढ़ते और बिछाते आज के हर इंसान को देखा
दूर दूर तक जहां तलक भी मेरी आज नजर है जाती
चंद सिक्कों में जमीर बेचते आज के हर इंसान को देखा

संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश
9425822488

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