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31 Mar 2024 · 1 min read

वह लोग जिनके रास्ते कई होते हैं......

वह लोग जिनके रास्ते कई होते हैं……
रास्तों से भटक जाते हैं ,यह लोग वही होते हैं [1]

किरदार से नीम की तरह दिखते हैं……
चुभ जाते हैं सुई की तरह, यह लोग सही होते हैं [2]

बाजारों में लिए फिरते हैं हंसते चेहरे…..
यह सब दिखावटी मुखोटे है अकेले में यही रोते हैं [3]

जमाना लगा है पैसा कमाने की दौड़ में
मगर जो संतोषी होते हैं वही सुकून की नींद सोते हैं [4]

✍️कवि दीपक सरल

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