Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
27 Mar 2024 · 1 min read

मस्तमौला फ़क़ीर

आवारगी में सुबह से
तू शाम किए जा
नाम वालों में ख़ुद को
गुमनाम किए जा…
(१)
सारी समझदारियों से
किसी तरह बचकर
तू दीवानगी भरे कुछ
काम किए जा…
(२)
जाहिलों और शातिरों की
सोहबत से दूर
बस मासूमों के दिल में
मुकाम किए जा…
(३)
रोता हुआ आया लेकिन
हंसता हुआ जाए
फ़क़ीरों वाला अपना
अंज़ाम किए जा…
(४)
अब वक़्त की धारा में
चुपचाप बहकर
मुसलसल अपनी ज़िंदगी
आसान किए जा…
#गीतकार
#शेखर_चंद्र_मित्रा
#नौजवान #फलसफा #saint
#दार्शनिक #नसीहत #sufism
#कवि #शायर #प्रेरणा #सूफी

Loading...