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26 Mar 2024 · 1 min read

"बीज"

“बीज”
जगत में सृजन का
मूल हूँ मैं,
कभी शूक्ष्म तो
कभी स्थूल हूँ मैं।
अण्डस-पिण्डस सबका
उद्भव मुझ ही से
अणु बनकर भी
होता पराभव मुझ ही से।

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