Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2024 · 1 min read

*संस्मरण*

संस्मरण
_______________________
साठ के दशक में नाई की दुकान का स्वरूप
_______________________
हमारे घर से निकलकर गली के बाहर दरवाजे पर खड़ा होकर सामने ही बॉंई ओर नाई की दुकान थी। सर्राफा बाजार में आजकल जहॉं विजय मार्केट है, उस जगह नाई की दुकान हुआ करती थी।

साधारण-सी दुकान थी। प्लास्टर भी ऊबड-खाबड़ ही कहा जा सकता है। लेकिन पुताई ठीक-ठाक हुआ करती थी। लकड़ी के साधारण दरवाजे जैसे उस समय होते थे, वह थे।
ग्राहकों के प्रतीक्षा करने के लिए लकड़ी की साधारण बेंच पड़ी थी।

बाल काटने के लिए लकड़ी की एक कुर्सी हुआ करती थी। जिसे अत्यंत साधारण ही कहा जाएगा। हमारी उम्र उस समय कम थी, अतः कुर्सी के हत्थों पर पटला रखकर हमें बैठाया जाता था और तब बाल काटे जाते थे। बाल काटने वाली कुर्सी के सामने लकड़ी की एक कानस हुआ करती थी। उस पर एक बड़ा सा शीशा इस तरह रखा रहता था कि बाल कटवाने वाले को अपना चेहरा शीशे में दिखता रहे।

नाई का नाम संभवत सलीम था। सलीम भाई जैसा हमने पहले दिन देखा, वैसे ही लगातार दिखते रहे। दुबले-पतले, फुर्तीले, सिर पर छोटे-छोटे बाल रखते थे। रंग थोड़ा साफ था। फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार के प्रशंसक थे। दिलीप कुमार का एक बड़ा-सा फोटो फ्रेम में मढ़ा हुआ उनकी दुकान में दीवार पर लगा रहता था।

अखबार नहीं आते थे। एक या दो फिल्मी पत्रिकाएं बैंच पर पड़ी रहती थीं । वह नई होती थीं अथवा पुरानी, इसका हमें अनुमान नहीं है।
————————————–
लेखक: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

230 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

नेम प्रेम का कर ले बंधु
नेम प्रेम का कर ले बंधु
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तुम,दर-दर से पूछ लो
तुम,दर-दर से पूछ लो
Inder Bhole Nath
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
#लघुकथा
#लघुकथा
*प्रणय प्रभात*
भारत की वेदना
भारत की वेदना
ओनिका सेतिया 'अनु '
*गणेश जी (बाल कविता)*
*गणेश जी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
दिल लगाया भी कहीं तो हुआ क्या
दिल लगाया भी कहीं तो हुआ क्या
Jyoti Roshni
At the sea shore !
At the sea shore !
Buddha Prakash
कठपुतली
कठपुतली
Shyam Sundar Subramanian
6) इंतज़ार
6) इंतज़ार
नेहा शर्मा 'नेह'
***किस दिल की दीवार पे…***
***किस दिल की दीवार पे…***
sushil sarna
क्या से क्या हो गया?
क्या से क्या हो गया?
Rekha khichi
प्रेम.....
प्रेम.....
शेखर सिंह
कस्तूरी पहचानो मृग
कस्तूरी पहचानो मृग
Shweta Soni
हमेशा का
हमेशा का
Dr fauzia Naseem shad
लाल उठो!!
लाल उठो!!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
अभी भी जारी है जंग ज़िंदगी से दोस्तों,
अभी भी जारी है जंग ज़िंदगी से दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नफ़रत भर गई है, रोम रोम नकारता।
नफ़रत भर गई है, रोम रोम नकारता।
श्याम सांवरा
बाल कविता –
बाल कविता –
पूनम दीक्षित
खूबी
खूबी
Ruchi Sharma
गद्दार है वह जिसके दिल में
गद्दार है वह जिसके दिल में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिंदगी का सफ़र
जिंदगी का सफ़र
Shubham Anand Manmeet
4379.*पूर्णिका*
4379.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ख्वाहिशें
ख्वाहिशें
Arun Prasad
प्रश्न मुझसे किसलिए?
प्रश्न मुझसे किसलिए?
Abhishek Soni
प्राण प्रतिष्ठा और दुष्ट आत्माएं
प्राण प्रतिष्ठा और दुष्ट आत्माएं
Sudhir srivastava
होशियार इंसान भी ,बन जाता मतिमंद
होशियार इंसान भी ,बन जाता मतिमंद
RAMESH SHARMA
जग के का उद्धार होई
जग के का उद्धार होई
राधेश्याम "रागी"
"असफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
*वायरल होने की चाह*
*वायरल होने की चाह*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...