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18 Mar 2024 · 1 min read

सत्य की खोज

#सत्य
औचित्य क्या उस बात का?
जिसका कोई मोल न हो।

वह शब्द बिन वज़न के,
जिनका कोई तोल न हो।

है झूठ और कपट सम,
वो शब्द जो लालच से भरे हो।

औचित्य क्या उन शब्दों का,
जो सत्य से मूल्यत: ही परे हों।

सच-झूठ में होता ,
बस फर्क इतना सा।

सत्य-सत्य है
और झूठ में हज़ार,
झूठों के पुलिंदे गड़े हैं।

दिखावे के इस संसार में,
बस झोल इतना सा है।

मनुष्य अंदर से कुछ,
बाहर से कुछ,
और ढोल में पोल सा है।

हो सामर्थ्य जितना,
उतनी ही चादर फैलाना।

हो सके तो दिखावों के,
छलावे से तुम दूर जाना।

ऐ प्रिय,
सत्य के औचित्य को,
तुम मूल्यत: समझ जाना।

हो सके तो सत्य के,
औचित्य को,
तुम मूल्यत: समझ जाना।
Dr.Priya

5 Likes · 2 Comments · 111 Views
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