Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Mar 2024 · 1 min read

میں ہوں تخلیق اپنے ہی رب کی ۔۔۔۔۔۔۔۔۔

میں ہوں تخلیق اپنے ہی رب کی
مجھکو مٹی شمار نہ کرنا
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔ڈاکٹر فوزیہ نسیم شاد۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔

Language: Urdu
7 Likes · 272 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

जिनके घर नहीं हैं
जिनके घर नहीं हैं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय प्रभात*
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
सत्य कुमार प्रेमी
पूरी कर  दी  आस  है, मोदी  की  सरकार
पूरी कर दी आस है, मोदी की सरकार
Anil Mishra Prahari
" तरकीब "
Dr. Kishan tandon kranti
बेटी की विदाई
बेटी की विदाई
Ghanshyam Poddar
जिसने जीवन सौगात दिये, उस प्रेमिल माता को नमन।
जिसने जीवन सौगात दिये, उस प्रेमिल माता को नमन।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*जीवन को सुधारने के लिए भागवत पुराण में कहा गया है कि जीते ज
*जीवन को सुधारने के लिए भागवत पुराण में कहा गया है कि जीते ज
Shashi kala vyas
ट्रैफिक भी जाम मेरा दिल भी तेरे नाम।
ट्रैफिक भी जाम मेरा दिल भी तेरे नाम।
Rj Anand Prajapati
बादल लगते कितने प्यारे हो
बादल लगते कितने प्यारे हो
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
*बांहों की हिरासत का हकदार है समझा*
*बांहों की हिरासत का हकदार है समझा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
Manoj Mahato
मजदूर दिवस की औपचारिकता
मजदूर दिवस की औपचारिकता
Sudhir srivastava
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बच्चों को इतवार (बाल कविता)
बच्चों को इतवार (बाल कविता)
Ravi Prakash
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
Sanjay ' शून्य'
फूलों की बात हमारे,
फूलों की बात हमारे,
Neeraj Kumar Agarwal
संस्कारी लड़की
संस्कारी लड़की
Dr.Priya Soni Khare
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
Ranjeet kumar patre
"" *सिमरन* ""
सुनीलानंद महंत
खो दोगे
खो दोगे
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
"रिश्ता उसी से रखो जो इज्जत और सम्मान दे.,
पूर्वार्थ
सामाजिकता
सामाजिकता
Punam Pande
साल का पहला त्यौहार
साल का पहला त्यौहार
Rekha khichi
4915.*पूर्णिका*
4915.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
देखभाल
देखभाल
Heera S
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
sushil sarna
इंसान की बुद्धि पशु से भी बदत्तर है
इंसान की बुद्धि पशु से भी बदत्तर है
gurudeenverma198
ये दुनियाँदारी झूठी है ये प्रेम की क्यारी झूठी है।
ये दुनियाँदारी झूठी है ये प्रेम की क्यारी झूठी है।
कवि अनूप अम्बर
अपनी नज़र में रक्खा
अपनी नज़र में रक्खा
Dr fauzia Naseem shad
Loading...