Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Mar 2024 · 2 min read

लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?

भारत का राजनीतिक भविष्य क्या है ?
क्या लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही की ओर अग्रसर है ?
वर्तमान परिदृश्य में विवेचना प्रस्तुत है :

भारत के राजनीतिक परिदृश्य के भविष्य की भविष्यवाणी करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन विचार करने के लिए कुछ निश्चित रुझान और संभावनाएं हैं। वर्तमान में, भारत नियमित चुनावों और बहुदलीय राजनीतिक संरचना के साथ एक लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत काम करता है। हालाँकि, हाल के वर्षों में लोकतांत्रिक मानदंडों और संस्थानों के क्षरण को लेकर चिंताएँ रही हैं।

भारत में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रभुत्व है। भाजपा 2014 से सत्ता में है और इसकी विचारधारा हिंदू राष्ट्रवाद में निहित है। मोदी के नेतृत्व में, सत्ता का केंद्रीकरण हुआ है, नियंत्रण और संतुलन कमजोर हुआ है और असहमति पर नकेल कसी गई है।

कुछ पर्यवेक्षकों ने लोकतंत्र की आड़ में भारत के अधिनायकवाद या एक प्रकार की तानाशाही की ओर बढ़ने की संभावना के बारे में चिंता जताई है। यह सत्तारूढ़ दल के हाथों में सत्ता के और अधिक संकेंद्रण, नागरिक स्वतंत्रता के क्षरण, स्वतंत्र मीडिया के दमन और न्यायपालिका और कानून प्रवर्तन एजेंसियों जैसे संस्थानों के राजनीतिकरण के माध्यम से प्रकट हो सकता है।

हालाँकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि भारत की लोकतांत्रिक संस्थाएँ, नागरिक समाज और जीवंत मीडिया परिदृश्य सत्तावादी प्रवृत्तियों को कुछ प्रतिरोध प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण की वकालत करने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं और नागरिकों का विरोध भी हो रहा है।

भारत की राजनीतिक व्यवस्था का भविष्य प्रक्षेपवक्र विभिन्न कारकों पर निर्भर करेगा, जिसमें सत्तारूढ़ दल के कार्य, विपक्षी ताकतों की ताकत, जनता की भावना और बाहरी दबाव शामिल हैं। भारत के लोकतांत्रिक भविष्य की सुरक्षा के लिए नागरिकों के लिए सतर्क रहना, लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बनाए रखना और राजनीतिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेना महत्वपूर्ण है।

Language: Hindi
Tag: लेख
212 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

पिता
पिता
Nutan Das
गीत- मुहब्बत की मगर इतना...
गीत- मुहब्बत की मगर इतना...
आर.एस. 'प्रीतम'
संवेदनाएँ
संवेदनाएँ
Meera Thakur
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
अंसार एटवी
स्नेहों की छाया में रहकर ,नयन छलक ही जाते हैं !
स्नेहों की छाया में रहकर ,नयन छलक ही जाते हैं !
DrLakshman Jha Parimal
पंखुड़ी गुलाब की
पंखुड़ी गुलाब की
Girija Arora
नया साल
नया साल
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
सितारे न तोड़ पाऊंगा
सितारे न तोड़ पाऊंगा
अरशद रसूल बदायूंनी
"बेटी पराई"
Ritu chahar
ख़त्म होने जैसा
ख़त्म होने जैसा
Sangeeta Beniwal
सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ा अकेले में
सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ा अकेले में
डॉ. दीपक बवेजा
" कृषक की व्यथा "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मसान।
मसान।
Manisha Manjari
दोस्तो रौ साथ
दोस्तो रौ साथ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
पुस्तक समीक्षा - गीत सागर
पुस्तक समीक्षा - गीत सागर
Sudhir srivastava
4258.💐 *पूर्णिका* 💐
4258.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हमने माना अभी
हमने माना अभी
Dr fauzia Naseem shad
"दिल कहता है"
Dr. Kishan tandon kranti
विश्वेश्वर महादेव
विश्वेश्वर महादेव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
भगवा रंग छाएगा
भगवा रंग छाएगा
Anamika Tiwari 'annpurna '
यक्षिणी- 26
यक्षिणी- 26
Dr MusafiR BaithA
बेगाना वक्त
बेगाना वक्त
RAMESH Kumar
उल्फत का दीप
उल्फत का दीप
SHAMA PARVEEN
कुछ मुक्तक
कुछ मुक्तक
Dr.Pratibha Prakash
बाल कविता: वर्षा ऋतु
बाल कविता: वर्षा ऋतु
Rajesh Kumar Arjun
सत्यपथ
सत्यपथ
डॉ. शिव लहरी
ज्ञान सागर
ज्ञान सागर
भूरचन्द जयपाल
मैं जानता हूॅ॑ उनको और उनके इरादों को
मैं जानता हूॅ॑ उनको और उनके इरादों को
VINOD CHAUHAN
कवि और केंकड़ा ( ‌‌घनाक्षरी छंद)
कवि और केंकड़ा ( ‌‌घनाक्षरी छंद)
guru saxena
കവിതയുടെ ജനനം
കവിതയുടെ ജനനം
Heera S
Loading...