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12 Mar 2024 · 1 min read

रंग दो

रंग दो अपने रंग में,
तुझमें और मुझमें कोई भेद न रहे l

दे दो मुझे कर्ण ऐसे,
न बोली बात भी, सुन पाऊं l

दे दो ऐसी खुशबु मुझे,
बहती हवा में, तुझे महसूस कर पाऊं l

दे दो ऐसी दृष्टि मुझे,
अदृश्य होकर भी, दर्शन कर पाऊं l

बना दो न मुझे ऐसा,
तेरे नाम में ही मैं, मिल जाऊं l

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