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18 Mar 2024 · 1 min read

**** फागुन के दिन आ गईल ****

**** फागुन के दिन आ गईल ****
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लाल,बैंगनी,नीला,पीला,बासंतिक रंग छा गईल
बाग़,बगईचा,जंगल,झाड़ी,पोर-पोर गदरा गईल
ताल,तलैय्या,दरिया,पोखर सब के सब सुघरा गईल
* अईसन लागऽता हमरा के,फागुन के दिन आ गईल

रंग,बिरंगी तितली उड़ि-उड़ि बगिया के महका गईल
पंखुड़ी-पंखुड़ी रस से भरल भौंरा के मन भा गईल
दिन उगते कू कू कोयलिया मनभावन गीत सुना गईल
* अईसन लागऽता हमरा के, फागुन के दिन आ गईल

डाली-डाली फूल खिलल हऽ,आम सकल मऊरा गईल
कलियन के डाली पर बुलबुल आके नीड़ लगा गईल
प्राकृति रंग में अईसन रंगलऽस सगरो दर्द मेटा गईल
* अईसन लागऽता हमरा के,फागुन के दिन आ गईल
————————————————————–
•••• कलमकार ••••
चुन्नू लाल गुप्ता – मऊ (उ.प्र.)
****9005592111****

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