Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Mar 2024 · 1 min read

कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं कमियो

कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं कमियों को बाकायदा सजाकर छुपाया जाता है।
यह दुनिया है जनाब!
यहां मतलब से रिश्तों को बनाया और निभाया जाता है।

1 Like · 329 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

रमेशराज के विरोधरस के गीत
रमेशराज के विरोधरस के गीत
कवि रमेशराज
प्रेम की गहराई
प्रेम की गहराई
Dr Mukesh 'Aseemit'
कल्कि प्रिय- स्रोत नदी
कल्कि प्रिय- स्रोत नदी
गुमनाम 'बाबा'
*आज का मुक्तक*
*आज का मुक्तक*
*प्रणय प्रभात*
" इत्र "
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
दोहा - कहें सुधीर कविराय
दोहा - कहें सुधीर कविराय
Sudhir srivastava
आज  कई  परेशानियों से घिरा हुआ इंसान।
आज कई परेशानियों से घिरा हुआ इंसान।
Ajit Kumar "Karn"
धड़कनों में प्यार का संचार है ।
धड़कनों में प्यार का संचार है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
रहिमन धागा प्रेम का
रहिमन धागा प्रेम का
Shashi Mahajan
दोहा
दोहा
Shriyansh Gupta
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
Phool gufran
जाग जाग हे परशुराम
जाग जाग हे परशुराम
उमा झा
********** आजादी के दोहे ************
********** आजादी के दोहे ************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
Dr Archana Gupta
"If you continuously encounter
Nikita Gupta
19)”माघी त्योहार”
19)”माघी त्योहार”
Sapna Arora
वो प्यासा इक पनघट देखा..!!
वो प्यासा इक पनघट देखा..!!
पंकज परिंदा
*काले-काले बादल नभ में, भादो अष्टम तिथि लाते हैं (राधेश्यामी
*काले-काले बादल नभ में, भादो अष्टम तिथि लाते हैं (राधेश्यामी
Ravi Prakash
मजहब का नही पता, सनातन का पता बन जायेगा,
मजहब का नही पता, सनातन का पता बन जायेगा,
P S Dhami
मत घबराओ
मत घबराओ
Sanjay ' शून्य'
तेरी आँखें 👁️
तेरी आँखें 👁️
Swara Kumari arya
Mushaakil musaddas saalim
Mushaakil musaddas saalim
sushil yadav
*मकर संक्रांति पर्व
*मकर संक्रांति पर्व"*
Shashi kala vyas
मुझे नाम नहीं चाहिए यूं बेनाम रहने दो
मुझे नाम नहीं चाहिए यूं बेनाम रहने दो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अभाव अमर है
अभाव अमर है
Arun Prasad
खिड़कियां हवा और प्रकाश को खींचने की एक सुगम यंत्र है।
खिड़कियां हवा और प्रकाश को खींचने की एक सुगम यंत्र है।
Rj Anand Prajapati
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
निर्मल मन तुम
निर्मल मन तुम
Rambali Mishra
कठिनताओं की आवाजाही हीं तो, जीवन को लक्ष्य से मिलवाती है।
कठिनताओं की आवाजाही हीं तो, जीवन को लक्ष्य से मिलवाती है।
Manisha Manjari
Loading...