Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Mar 2024 · 1 min read

महिला दिवस

अरे कल था 8 मार्च,
मैं तो भूल ही गई,
कल था हमारा (महिला )दिवस,
चलिए महिलाओं अपने -अपने,
काम पर लग जाओ,
तू वहीं है जो,
हमदर्दी का पात्र है,
बेबसी, मजबूरी, लाचारी,
पीड़ित कही जा रही है,
पर रे मन तू तो मजबूत है,
उठ ख़डी हो,
वो तेरे साथ है,
जिंदगी भर देगा, तेरा साथ,
दे तो उसको अपना हाथ,
नहीं छलेगा वह तुझे,
कर तू विश्वास……. 🙏🙏

Language: Hindi
1 Like · 127 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from sheema anmol
View all

You may also like these posts

बाल वीर दिवस
बाल वीर दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
शेखर सिंह
*मैं और मेरी तन्हाई*
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मै (अहम) का ‘मै’ (परब्रह्म्) से साक्षात्कार
मै (अहम) का ‘मै’ (परब्रह्म्) से साक्षात्कार
Roopali Sharma
— कैसा बुजुर्ग —
— कैसा बुजुर्ग —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
बाल-कर्मवीर
बाल-कर्मवीर
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
महामारी एक प्रकोप
महामारी एक प्रकोप
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
तारीफ़ तो तेरी होगी
तारीफ़ तो तेरी होगी
Shinde Poonam
छोटी - छोटी बातें
छोटी - छोटी बातें
Shyam Sundar Subramanian
एक फूल को सवांरने में,
एक फूल को सवांरने में,
श्याम सांवरा
खत पढ़कर तू अपने वतन का
खत पढ़कर तू अपने वतन का
gurudeenverma198
*ना होना तुम उदास*
*ना होना तुम उदास*
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
एहसास
एहसास
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें
हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें
Dr.Pratibha Prakash
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
दोहा सप्तक. . . . . मन
दोहा सप्तक. . . . . मन
sushil sarna
ख़ुद से अपना हाथ छुड़ा कर - संदीप ठाकुर
ख़ुद से अपना हाथ छुड़ा कर - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
उसकी याद में क्यों
उसकी याद में क्यों
Chitra Bisht
वक्त और दूरी
वक्त और दूरी
पूर्वार्थ
“अधूरी नज़्म”
“अधूरी नज़्म”
Meenakshi Masoom
कर्म का दर्शन लूट का दर्शन।
कर्म का दर्शन लूट का दर्शन।
Acharya Shilak Ram
*घूम रहे जो रिश्वत लेकर, अपना काम कराने को (हिंदी गजल)*
*घूम रहे जो रिश्वत लेकर, अपना काम कराने को (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
संचित अभिलाष
संचित अभिलाष
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
औरत
औरत
Madhuri mahakash
ढल गया सूर्य फिर आएगा।
ढल गया सूर्य फिर आएगा।
Kumar Kalhans
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
Shiva Awasthi
4105.💐 *पूर्णिका* 💐
4105.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...