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8 Mar 2024 · 1 min read

महिला दिवस

क्या औरतों का भी दिन होता है?
क्यों मगरऔरतों के बिन होता है? कामवाली आज भी मार खायेगी पति से,
कामवाली ही क्यों?
कोठी ,बंगलों वाली औरतें भी सहती है सब।
बस उनके ज़ख्म महंगी साड़ियों में छिपा जाते हैं।

वो भट्ठे पर काम करेगी आज भी
ईंटें उठाते ,रखते
ठेकेदार की नजरें मुआयना करेगी
उसके अंगों का।

वो मां बाप की पढ़ी-लिखी बिटिया
बिना दहेज व्याह कर लें जाने वाले
दुल्हे की राह आज भी तकती है।

एक वो जो काम से आते वक्त
शिकार हो गयी बलात्कार का।

या फिर वो
धोखा देकर जिसे कोई
बेच गया कोठे पर

या फिर वो आठ महीने या साल की बच्ची
हवस का शिकार हुई

औरत पर लिखा बहुत
समझा कौन?

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
156 Views
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