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6 Mar 2024 · 1 min read

सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी

अपनी सब करतूतें काली , सुनता जा शरमाता जा
क्या क्या तू ने दी हैं गाली , सुनता जा शरमाता जा

आज करोड़ों का मालिक है , कल तक तो फुटपाथी था
कहां-कहां से रिश्वत खा ली , सुनता जा शरमाता जा

नकली टोपी नकली माला , नकली चेहरा नकली भेष
तेरा तो है सब कुछ जाली , सुनता जा शरमाता जा

जिसने तपती धूप में तुझको , शीतल शीतल छाया दी
उसी की तू ने काटी डाली , सुनता जा शरमाता जा

किसको माई बाप बनाया , क्या क्या तू ने खेल रचाया
कैसे तू ने कुर्सी पा ली , सुनता जा शरमाता जा

— शिवकुमार बिलगरामी

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