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5 Mar 2024 · 1 min read

माँ मेरी जादूगर थी,

माँ मेरी जादूगर थी,
चंद खिलौनों में
जीने की चाहत
वो देती भर थी,
माँ मेरी जादूगर थी।
मुझको हँसाने की ख़ातिर
वो दिखलाती भी
रोकर थी,
माँ मेरी जादूगर थी।
रूठूँ मैं तो
जाने कैसे
ऐसे-वैसे,जैसे -तैसे
मानती
मुझको मनाकर थी,
माँ मेरी जादूगर थी

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